केंद्रीय कैबिनेट में विस्तार की चर्चाओं के बीच मंगलवार शाम को पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से बुलाई गई मीटिंग रद्द हो गई है। इस मीटिंग में बीजेपी चीफ जेपी नड्डा समेत कई वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों को बुलाया गया था। शाम को 5 बजे होने वाली इस मीटिंग में कैबिनेट में फेरबदल और विस्तार पर बात होने की चर्चाएं थीं। हालांकि अब इस बैठक को ही रद्द कर दिया गया है। सूत्रों के हवाले से यह जानकारी मिली है। इस मीटिंग में मंत्रियों की अब तक की परफॉर्मेंस और भविष्य की योजनाओं को लेकर उनकी ओर से पेश किए गए खाके पर भी चर्चा होने वाली थी।
माना जा रहा था कि इस मीटिंग में होम मिनिस्टर अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण समेत कई अन्य केंद्रीय मंत्री जैसे धर्मेंद्र प्रधान, प्रहलाद जोशी, पीयूष गोयल और नरेंद्र सिंह तोमर हिस्सा लेने वाले थे। इससे पहले 20 जून को भी पीएम नरेंद्र मोदी ने मंत्रियों के साथ एक मीटिंग की थी। इस दौरान उन्होंने 2019 से लेकर 2021 तक सरकार के कामकाज को लेकर बात की थी और मंत्रियों का फीडबैक भी लिया था। केंद्रीय कैबिनेट में कुल 79 मंत्री हो सकते हैं, जिनमें से फिलहाल 53 ही हैं। इस तरह से 26 नए मंत्रियों के लिए पद खाली हैं।
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में यह पहला मौका है, जब कैबिनेट विस्तार की चर्चा चल रही है। इसकी वजह अगले साल 5 राज्यों में होने वाले चुनावों को भी माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी चाहती है कि इस विस्तार में क्षेत्रीय और सामाजिक संतुलन को साधा जा सके। खासतौर पर उत्तर प्रदेश, हिमाचल जैसे राज्यों को लेकर पार्टी चिंतित है। इस बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया, असम के पूर्व सीएम सर्वानंद सोनोवाल, एलजेपी नेता पशुपति नाथ पारस जैसे नेताओं के नाम चर्चा में हैं। सिंधिया ने बीते साल ही कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामा था।