थोक महंगाई में तेज गिरावट मुख्य रूप से खाने-पीने की चीजों, ईंधन और विनिर्मित वस्तुओं के दाम घटने से आई है। आंकड़ों के मुताबिक मई में खाद्य पदार्थों की महंगाई घटकर 1.51 फीसदी पर आ गई। अप्रैल में यह 3.54 फीसदी थी। सब्जियों की महंगाई घटकर -20.12 फीसदी रह गई। हालांकि, दालों के दाम कम नहीं हुए हैं। दालों की महंगाई तेज बढ़ोतरी के साथ 5.76 फीसदी रही।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार, ईंधन और बिजली खंड की मुद्रास्फीति मई में घटकर -9.17 प्रतिशत पर आ गई। अप्रैल में यह 0.93 फीसदी थी। वहीं, आलू की महंगाई शून्य से 18.71 फीसदी नीचे और प्याज की शून्य से 7.25 फीसदी नीचे रही। अनाज में गेहूं की मुद्रास्फीति 6.15 फीसदी पर थी।
विशेषज्ञों के मुताबिक मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों तथा ईंधन के मोर्चे पर दबाव कम हुआ। कमोडिटी के दाम घटने से उत्पादकों के लिए उत्पादन लागत घटी है, लेकिन इसका लाभ खुदरा कीमतों तक स्थानांतरित करने में लग रहे समय की वजह से खुदरा और थोक मुद्रास्फीति के बीच का अंतर बढ़ गया है।
खुदरा महंगाई में और गिरावट के आसार
थोक महंगाई में गिरावट के बाद माना जा रहा है कि आने वाले कुछ महीनों में खुदरा क्षेत्र की भी महंगाई और गिर सकती है। मई के महीने में खुदरा मुद्रास्फीति भी घटकर 25 माह के निचले स्तर 4.25 फीसदी पर रही है। इसमें और गिरावट आने के बाद रिजर्व बैंक ब्याज दरों में फेरबदल पर विचार कर सकता है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
केयर रिसर्च की मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा के मुताबिक मई महीने में लगातार दूसरे महीने सभी बड़े क्षेत्रों में महंगाई घटी है। ये गिरावट अनुमान से ज्यादा है। साथ ही चालू वित्तवर्ष की पहली छमाही में इसमें गिरावट ही रहने के आसार है। उसके बाद दूसरी छमाही में इसमें कुछ बढ़त के आसार हैं। साथ ही देश में अलनीनो की आशंका और उसका कृषि उत्पादन और खाने पीने की चीजों के दामों पर प्रभाव बड़े जोखिम हो सकते हैं। साथ ही दुनियाभर में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव पर भी नजर रखने की जरूरत है।
अरहर-उड़द की कीमतों पर लगातार नजर रखने के निर्देश
केंद्र ने बुधवार को राज्य सरकारों को तुअर और उड़द की कीमतों पर लगातार नजर रखने और स्टॉक सीमा आदेश का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव निधि खरे की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में यह जानकारी दी गई। बैठक में तुर और उड़द के स्टॉक के खुलासे और राज्य सरकारों द्वारा स्टॉक सीमा के कार्यान्वयन की समीक्षा की गई।
देश के 10 राज्यों में राष्ट्रीय औसत से कम महंगाई
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक महंगाई के आंकड़ों की बात की जाए तो जारी किए गए कुल 22 राज्यों के आंकड़ों में अभी भी 12 राज्यों में महंगाई ज्यादा है। हालांकि महंगाई छत्तीसगढ़ में सबसे कम 0.71 फीसदी है, वहीं हरियाणा में ये सबसे ज्यादा 6.04 फीसदी है। यही नहीं ग्रामीण इलाकों की बात की जाए तो हरियाणा में ये सबसे ज्यादा 7.12 फीसदी है। जबकि शहरी इलाकों में सबसे ज्यादा महंगाई 6.84 फीसदी उत्तराखंड में है।
यहां महंगाई ज्यादा
- हरियाणा 6.04
- बिहार 06
- उत्तराखंड 5.75
- उत्तर प्रदेश 5.21
- झारखंड 4.97
- इन राज्यों में कम
- छत्तीसगढ़ 0.71
- दिल्ली 1.53
- मध्यप्रदेश 2.48
- ओडिशा 2.96
- कर्नाटक 3.27
(आंकड़े फीसदी में)