आम आदमी पार्टी में दिल्ली की तीन राज्यासभा सीटों को लेकर चल रही लड़ाई के बीच आप नेता संजय सिंह का संसद के ऊपरी सदन में जाने का रास्ता साफ हो गया है. राज्यसभा चुनाव के लिए संजय सिंह 4 जनवरी को दरियागंज में नामांकन दाखिल करेंगे.
हालांकि, अन्य दो सीटों के लिए अब तक पार्टी ने किसी नाम का ऐलान नहीं किया है. यही कारण है कि बाकी के नामों पर पार्टी के भीतर घमासान और पार्टी के बाहर कयासों का दौर जारी है. इस बीच सबसे बडा नुकसान पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा के लिए दावेदारों में से एक कुमार विश्वास का हुआ है.
पार्टी के सूत्रों के मुताबिक विश्वास को राज्यसभा भेजने के लिए पार्टी में सहमति नहीं है. आलाकमान की नाराजगी और अविश्वास के कारण कुमार का राज्यसभा जाना मुश्किल लग रहा है.
संजय सिंह को राज्यसभा का टिकट क्यों?
जानकारी के मुताबिक, संजय सिंह को राज्यसभा भेजने जाने का औपचारिक ऐलान और फैसला 2 जनवरी की रात या 3 जनवरी को होने वाली पार्टी की सर्वोच्च इकाई पीएसी में होगा. सूत्रों की मानें तो उनके नाम पर न सिर्फ केजरीवाल ने मुहर लगाई है बल्कि पार्टी के तमाम नेता उनके नाम पर सहमत हैं.
दरअसल, 16 साल से सडकों पर आदोलनों में धूल फांक रहे सुल्तानपुर के रहने वाले संजय सिंह आरटीआई और स्वराज आंदोलन से लेकर अन्ना आंदोलन तक अरविंद केजरीवाल के हर कदम के साथ खड़े रहे.
2015 में दिल्ली में दोबारा हुआ विधानसभा चुनाव में संजय सिंह पार्टी प्रचार समिति के मुखिया रहे. 2017 के फरवरी में हुए पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए संजय सिंह पंजाब के प्रभारी रहे और पहली विधानसभा चुनाव में ही आम आदमी पार्टी पंजाब में 22 सीटें जीतकर मुख्य विपक्षी पार्टी बन गई. हालांकि, पंजाब विधानसभा चुनाव आम आदमी पार्टी के लिए एक बड़ा झटका था प्रदेश चुनाव में आप को जीतने की संभावना सबसे ज्यादा थी.
संजय सिंह को अरविंद केजरीवाल ने यूपी कि जिमेमदारी सौंपी जिसके बाद हाल ही में हुए यूपी के निकाय चुनाव में आम आदमी पार्टी ने लगभग 50 सीटों पर जीत दर्ज कर प्रदेश में अपना राजनीतिक खाता खोला. इस बीच दिल्ली और पंजाब के विधानसभा चुनाव व 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान संजय सिंह के ऊपर टिकटों में हेरफेर और पैसों के लेनदेन के आरोप भी लगे लेकिन किसी भी आरोप से जुड़े सबूत पार्टी के सामने नहीं आए.
पार्टी के कई नेता मानते हैं कि संजय सिंह बेहद मेहनती हैं और विवादों से दूर पार्टी के हर छोटे-बड़े काम के लिए मौजूद रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, संजय सिंह की इसी मेहनत की वजह से केजरीवाल ने उन्हे संसद जाने का टिकट थमाया है. संजय सिंहको टिकट मिलने की वजह से यह तस्वीर भी साफ है कि केजरीवाल बाकी दो चेहरों को अगर पार्टी के भीतर से चुनते हैं तो उसके लिए न्यूनतम मापदंड क्या हो सकते हैं.
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