कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने सोमवार को आरएसएस पर आरोप लगाया कि वह अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की खातिर चंदा देने वाले लोगों के घर पर निशान लगा रहा है और आरोप लगाया कि यह वैसा ही है जैसा नाजियों ने जर्मनी में किया था। वहीं आरएसएस ने कहा कि इनका जवाब देना भी उचित नहीं है। वहीं, भाजपा ने इस आरोप को पूरी तरह से गलत करार दिया है।
सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए जनता दल सेक्युलर के नेता ने दावा किया कि जिस समय जर्मनी में नाजी पार्टी की स्थापना हुई थी उसी समय भारत में आरएसएस का जन्म हुआ था। कुमारस्वामी ने ट्वीट किया कि लगता है कि राम मंदिर का निर्माण करने के लिए चंदा जुटाने वाले लोग धन देने वाले और नहीं देने वाले लोगों के घरों पर अलग-अलग निशान लगा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘यह उसी तरह है जैसा जर्मनी में नाजियों ने हिटलर के समय में किया था जब लाखों लोगों को अपनी जिंदगी गंवानी पड़ी थी।’ उन्होंने पूछा कि ऐसी बातों से देश कहां जाएगा।
इतिहासकारों को टैग करते हुए कुमारस्वामी ने दावा किया कि आरएसएस का जन्म उसी समय हुआ जब जर्मनी में नाजी पार्टी की स्थापना हुई। पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाए कि इस तरह की चिंताएं हैं कि अगर आरएसएस नाजियों की तरह ही नीतियां लागू करेगा तो क्या होगा। देश में अब लोगों के मूलभूत अधिकार छीने जा रहे हैं।
उन्होंने दावा किया कि देश में अघोषित आपातकाल है क्योंकि लोग खुलकर अपने विचार व्यक्त नहीं कर सकते हैं। आगामी दिनों में मीडिया की स्वतंत्रता पर आशंका जताते हुए कुमारस्वामी ने कहा कि क्या होगा अगर मीडिया सरकार के विचारों को व्यक्त करेगा। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान रुख से पता चलता है कि देश में कुछ भी हो सकता है। इस बारे में पूछे जाने पर आरएसएस के मीडिया प्रभारी ई. एस. प्रदीप ने कहा, ‘कुमारस्वामी के बयान इस लायक नहीं हैं कि उनका जवाब दिया जाए।’
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने कुमारस्वामी के इस बयान पर पलटवार किया है। रवि ने कहा, मैंने कई नहीं सोचा था कि उनकी मानसिकता इतनी गिरी हुई है। मैं केवल यह चाहता हूं कि वह ये बताएं कि किसके घर पर निशान लगाए गए? राम मंदिर निर्माण के लिए लोग खुले दिल से दान दे रहे हैं। उनका बयान शर्मनाक है। यह उनके द्वारा दिया गया गलत बयान है।
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