बहुचर्चित कुंभ कोरोना जांच घपले को लेकर शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने देश के पांच शहरों में ताबड़तोड़ छापेमारी की। देहरादून, हरिद्वार, दिल्ली, नोएडा और हिसार में अलग-अलग टीमों ने एक साथ छापे मारे। दिनभर चली कार्रवाई के बाद शाम को ईडी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी सार्वजनिक की।
ईडी ने आधिकारिक ट्िवटर हैंडल पर शुक्रवार देर शाम को जानकारी देते हुए कहा कि हरिद्वार में कुंभ मेले के दौरान फर्जी कोविड परीक्षण घोटाले के संबंध में देहरादून, हरिद्वार, दिल्ली, नोएडा और हिसार में छापेमारी की गई। लिखा कि नोवस पैथ लैब्स, डीएनए लैब्स, मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज, डॉ. लाल चंदानी लैब्स के कार्यालय और आवासीय परिसरों पर अलग-अलग टीमों ने एक साथ छापे मारे। वहीं दूसरी ओर दून में पटेलनगर-कारगी रोड स्थित डीएनए लैब्स पर शुक्रवार को ईडी की टीम ने छापा मारा। यह कार्रवाई देर शाम तक जारी रही।
उधर, हरिद्वार के ज्वालापुर घास मंडी क्षेत्र में एक हॉस्पिटल में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने छापेमारी की। बताया जा रहा है कि, यहां भी टीमें ने कोरोना जांच और उसके भुगतान संबंधी दस्तावेज खंगाले हैं। सूत्रों के अनुसार, अगर टीम के हाथ सबूत लगते हैं तो मामले में आरोपियों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉ्ड्रिरंग ऐक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, कुंभ घोटाले में एक गिरफ्तारी होने के बाद अब अन्य आरोपियों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। आरोपियों के मोबाइल फोन भी बंद आ रहे हैं। हरिद्वार से एसआईटी की एक टीम को गिरफ्तारी के लिए रवाना कर दिया है। जल्द ही इस मामले में गिरफ्तारी हो सकती है। नैनीताल और नोएडा में टीमों को भेजा गया है।
कोरोना जांच फर्जीवाड़े के मामले में सीएमओ डा. शंभू कुमार झा, मेलाधिकारी स्वास्थ्य डा. अर्जुन सेंगर और नोडल अधिकारी डा. एनके त्यागी के बयान दर्ज करने के बाद अब नामजद फर्म मैसर्स मैक्स कॉरपोरेट सर्विस, नलवा लैबोरेट्रीज प्राइवेट लैब, और डा. लाल चंदानी लैब्स एम-20 ग्रेटर कैलाश पार्ट-1 नई दिल्ली के संचालकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सभी से बारी बारी से पूछताछ की जा चुकी है।
आरोपित फर्म और संचालकों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ हो चुकी है। कई लोगों के बयान अलग अलग है। अभी तक हाईकोर्ट से फर्म और लैब को राहत मिली हुई थी। कुछ समय पहले ही धारा 467 भी बढ़ाई गई थी। आरोपी आशीष वशिष्ठ की पहली गिरफ्तारी होने के बाद एसआईटी के टारगेट पर कई अन्य लोग भी आ गए हैं। जो इस घोटाले से जुड़े हुए हैं। आरोपियों की तलाश अब शुरू कर दी गई है। क्योंकि दो दिन से उनके मोबाइल नंबर भी बंद आ रहे हैं। एक टीम को गिरफ्तारी के लिए नैनीताल और एक टीम को नोएडा भेजा गया है। ताकि आरोपियों को पकड़ा जा सकें। मोबाइल नंबर भी आरोपियों के बंद आ रहे है। हालांकि कुछ दिन पहले आरोपी हरिद्वार और नैनीताल आये थे। अभी एक लैब को हाईकोर्ट से राहत मिली हुई है।
डा. विशाखा को एसआईटी की कमान
अभी तक एसआईटी के प्रभारी रहे सीओ बुग्गावाला राकेश रावत को इस पद से हटा दिया गया है। अब एएसपी सीओ सदर डॉ. विशाखा अशोक भडाणे को एसआईटी की कमान सौंप दी गई है। आईपीएस और तेजतर्रार होने पर उन्हें एसएसपी सेंथिल अवूदई कृष्णराज एस ने एसआईटी प्रभारी की जिम्मेदारी दी है। उम्मीद है कि डॉ. विशाखा को जिम्मेदारी मिलने के बाद जल्द ही बड़ी कार्रवाई होगी। विशाखा के अनुसार घोटाला करने वाले आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा। हरिद्वार से पुलिस टीम को रवाना किया गया है। सबूत के आधार पर आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।