इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ हमेशा से मीडिया की सुर्खियां रहे हैं. वह कभी भारत को लेकर बयान के कारण तो कभी मीडिया चैनलों पर होने वाली डिबेट का हिस्सा बनकर लोगों के जहन में बने रहते हैं. आपको बता दें दि इस इस बार उनके सुर्खियों में बने रहने का कारण इन सबसे अलग है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह के मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत ने गुरुवार को उन्हें गिरफ्तार कर उनकी संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया है.किसी समय सत्ता का केंद्र रहे मुशर्रफ की बढ़ी मुश्किलें, देशद्रोह मामले में गिरफ्तारी का आदेश जारी

वहीं दूसरी तरफ परवेज मुशर्रफ के वकील ने कोर्ट से संपत्ति जब्त करने के आदेश को 21 मार्च तक टालने की गुजारिश की. हालांकि कोर्ट ने उनकी इस मांग को सिरे से नकार दिया. इस मामले में अब अगली सुनवाई 21 मार्च को होगी. जानकारी के मुताबिक परवेज मुशर्रफ सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक्जिट कंट्रोल लिस्ट से नाम हटाने के बाद 18 मार्च 2016 को इलाज कराने के लिए दुबई चले गए थे. विदेश जाने के बाद से वह अपने मुल्क नहीं लौटे हैं.

विदेश से वापस नहीं आने के बाद से कुछ महीने बाद विशेष अदालत ने उन्हें भगौड़ा भी घोषित कर दिया था. जानकारी के मुताबिक जिस कोर्ट की पीठ ने यह आदेश दिया है उसकी अध्यक्षता पेशावर हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश याह्या आफरीदी कर रहे हैं. इस पीठ में लाहौर हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश यावर अली और बलूचिस्तान हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ताहिरा सफदर शामिल हैं.

इस पीठ का गठन 2013 में मुशर्रफ द्वारा नवंबर 2007 में देश में आपातकाल लगाने के केस की सुनवाई के लिए किया गया था. केस की सुनवाई शुरू होते ही गृह मंत्रालय ने मुशर्रफ की संपत्तियों के संबंध में रिपोर्ट पेश की. इसमें कहा गया कि सात में से चार संपत्तियों के मालिक पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ हैं.