किसानों के मुद्दों पर सुसाइड करने वाले संत बाबा राम सिंह का शुक्रवार को अंतिम संस्कार किया गया. बुधवार को करनाल के कल्पना चावला मेडिकल हॉस्पिटल में उनका पोस्टमॉर्टम हुआ था. पोस्टमॉर्टम के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति में संत बाबा राम सिंह के शव को सिंगड़ा गांव ले जाया गया. हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने नम आंखों से उन्हें श्रद्धांजलि दी.
संत बाबा राम सिंह की शहादत के बाद राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधि पहुंचे. शिरोमणि अकाली दल के मुखिया सुखबीर सिंह बादल के बाद कांग्रेस की हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा पहुंची थीं. कुमारी शैलजा ने संत बाबा राम सिंह की मृत्यु पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार अपने अहंकार को त्याग कर किसानों की पीड़ा को समझे. कुमारी शैलजा ने भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी के साथ भी मुलाकात की.
रोहतक से पूर्व सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा गुरुद्वारा नानकसर सिंगडा पहुंचे. उन्होंने कहा कि किसानों की लड़ाई में संत बाबा राम सिंह ने अपनी शहादत दी है. सरकार को अब इतनी बड़ी शहादत के बाद किसानों की बात मान लेनी चाहिए और अपना अहंकार त्याग कर मोदी सरकार को यह कानून वापस लेना चाहिए.
बता दें कि संत बाबा राम सिंह का सुसाइड नोट भी सामने आया था. इसमें उन्होंने लिखा है कि किसानों का दुख देखा. वो अपना हक लेने के लिए सड़कों पर हैं. बहुत दिल दुखा है. सरकार न्याय नहीं दे रही. जुल्म है. जुल्म करना पाप है, जुल्म सहना भी पाप है. किसी ने किसानों के हक में और जुल्म के खिलाफ कुछ नहीं किया. कइयों ने सम्मान वापस किए. यह जुल्म के खिलाफ आवाज है. वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह.
बताया जा रहा है कि संत बाबा राम सिंह किसान होने के साथ धार्मिक उपदेशक भी थे. वो पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में थे और किसानों के समर्थन में आवाज उठा रहे थे. उन्होंने शिविर की भी व्यवस्था की थी और कंबल भी बांटे थे.