उत्तर कोरिया ने एक बार फिर दक्षिण कोरिया को धमकी दी है। अमेरिका और दक्षिण कोरिया के सैन्य अभियान से आक्रोशित तानाशाह किम जोंग उन ने उत्तर कोरिया के संविधान को संशोधित करने का भी फैसला कर लिया है। दरअसल, उत्तर कोरिया के संविधान में जिक्र है कि दुश्मन देशों के साथ भी बेहतर रिश्ते बनाए जाए।
‘दक्षिण कोरिया से अब नहीं होगी बातचीत’
सोमवार को प्योंगयांग में आयोजित 14वीं सुप्रीम पीपुल्स असेंबली (एसपीए) के 10वें सत्र के दौरान किम जोंग उन ने कहा कि सरकार उन एजेंसी को भी निरस्त कर रही है जिसे दक्षिण कोरिया के साथ बेहतर संबंध बनाने का काम दिया गया था।
यह एजेंसी अंतर-कोरियाई संवाद और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए अस्तित्व में थी। किम जोंग उन ने कहा कि दोनों देश युद्ध में फंसे हुए हैं। वहीं, दक्षिण कोरिया को कूटनीति में भागीदार मानना एक गंभीर गलती होगी।
युद्ध से बचने का भी कोई इरादा नहीं: किम जोंग उन
संसद में भाषण के दौरान किम ने इस बात को दोहराया कि उत्तर कोरिया का एकतरफा युद्ध शुरू करने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन युद्ध से बचने का भी कोई इरादा नहीं है। किम जोंग उन ने आगे कहा कि कोरियाई प्रायद्वीप में परमाणु संघर्ष दक्षिण कोरिया के अस्तित्व को समाप्त कर देगा और अमेरिका को हार का सामना करना पड़ेगा।
उत्तर कोरिया ने लॉंच की इंटरमीडिएट रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल
इससे पहले रविवार को उत्तर कोरिया ने रविवार को एक इंटरमीडिएट रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल लॉंच की जो कोरियाई प्रायद्वीप और जापान के बीच समुद्र में जाकर गिरी। यह मिसाइल क्षेत्र में अमेरिका के दूरस्थ बेस को निशाना बना सकने में सक्षम है। इस वर्ष उत्तर कोरिया का यह पहला मिसाइल परीक्षण है। इस बीच, उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री सोमवार को रूस की यात्रा पर रवाना हो रहे हैं।
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