कानून के मसौदों में सरल अंग्रेजी के इस्तेमाल की मांग, केंद्र को नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने सरल अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषाओं में कानूनों की हैंडबुक्स जारी करने और सरकारी नियमों के मसौदों में समझ में आने वाली आसान भाषा के इस्तेमाल के लिए दायर याचिका पर गुरुवार को केंद्र सरकार और बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआइ) को नोटिस जारी किए हैं। प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी. रामासुब्रमणियन की पीठ के समक्ष इस याचिका में कानून मंत्रालय को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि आम जनता के हित वाले कानूनों की लघु निर्देश पुस्तिका सरल अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषाओं में जारी करने का निर्देश दिया जाए ताकि आम नागरिक अपने अधिकारों और शिकायतों के समाधान से संबंधित कानून और प्रक्रिया सहजता से समझ सके।

याचिका में जनहित के सारे सरकारी नियमों, कायदे कानूनों और अधिसूचनाओं के मसौदे में आसानी से समझ में आने वाली सरल भाषा का उपयोग करने का निर्देश दिया जाए। याचिका में बीसीआइ को सभी विधि स्कूलों में साधारण अंग्रेजी में कानूनी लेखन का अनिवार्य विषय शुरू करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है।

इस विषय में कानून के छात्रों को आसान भाषा में समझ में आने वाले स्पष्ट और संक्षिप्त कानूनी दस्तावेज का मसौदा तैयार करने के बारे में पढ़ाया जाए। याचिका में शीर्ष अदालत में लिखित वाद की पेज सीमा और मौखिक बहस के लिए समय सीमा निर्धारित करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने सरल अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषाओं में कानूनों की हैंडबुक्स जारी करने और सरकारी नियमों के मसौदों में समझ में आने वाली आसान भाषा के इस्तेमाल के लिए दायर याचिका पर गुरुवार को केंद्र सरकार और बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआइ) को नोटिस जारी किए हैं।

याचिका में जनहित के सारे सरकारी नियमों, कायदे कानूनों और अधिसूचनाओं के मसौदे में आसानी से समझ में आने वाली सरल भाषा का उपयोग करने का निर्देश दिया जाए। याचिका में बीसीआइ को सभी विधि स्कूलों में साधारण अंग्रेजी में कानूनी लेखन का अनिवार्य विषय शुरू करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है।

 

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