कानपुर: नौ साल पहले दर्शनपुरवा में हुआ बवाल, 32 लोगों पर दर्ज मुकदमे होंगे वापस

सपा सरकार में फजलगंज थाने में वर्ष 2015 में बहुसंख्यक समुदाय के लोगों के खिलाफ दंगा भडक़ाने व बलवा आदि के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। इसमें 31 लोगों को आरोपी बनाया गया था। मुकदमे के तथ्यों और पुलिस व अभियोजन की रिपोर्ट के आधार पर शासन ने मुकदमे को वापस लेने के निर्देश दिए हैं।

कानपुर में नौ साल पहले दर्शनपुरवा से मोहर्रम जुलूस निकालने के दौरान हुए बवाल, पथराव और उसके बाद हुए पुलिस लाठीचार्ज से संबंधित मुकदमे को शासन ने वापस लेने का फैसला किया है। इस संबंध में विशेष सचिव मुकेश कुमार सिंह ने डीएम को पत्र भेजकर निर्देश दिए हैं।

फजलगंज थानान्तर्गत दर्शनपुरवा चौकी प्रभारी बृजेश कुमार शुक्ला ने फजलगंज थाने में 24 अक्टूबर 2015 को लगभग आधा सैकड़ा उपद्रवियों के खिलाफ बलवा, विधि विरुद्ध क्र्रियाकलाप निवारण अधिनियम (सेवन सीएलए) और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारक अधिनियम (पीपीडी एक्ट) के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। सभी को जमानतें दाखिल करानी पड़ी थीं।

एफआईआर में कहा गया था कि मुहर्रम का जुलूस 23 अक्टूबर 2015 को सीसामऊ थाना क्षेत्र से शुरू होकर जरीब चौकी होते हुए फजलगंज जा रहा था। रास्ते में दर्शनपुरवा के पास 25 अक्टूबर को होने वाले भंडारे के संबंध में एक बैनर लगा था जिस पर मां दुर्गा की फोटो बनी थी।

जुलूस न निकालने की बात भी तय हो गई थी
बैनर की रस्सी टूट जाने से बैनर नीचे गिर गया, जिससे दोनों समुदायों के बीच विवाद होने लगा। पुलिस ने समझा-बुझाकर जुलूस निकलवा दिया था। अगले दिन ताजिया जुलूस निकलना था। इस पर देर रात को फजलगंज थाने में दो समुदायों के संभ्रांत लोगों की बैठक कराकर समझौता करा दिया गया था। विवादित स्थल से जुलूस न निकालने की बात भी तय हो गई थी।

पुलिस बल पर पथराव कर दिया था
अगले दिन कुछ असामाजिक तत्वों ने समझौते के विपरीत मोहल्ले के लोगों को भडक़ाया, अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक धार्मिक नारे लगाए, पुलिस ने समझाने की कोशिश की, तो पुलिस बल पर पथराव कर दिया था। पुलिसकर्मियों के हेलमेट व बॉडी प्रोटेक्टर क्षतिग्रस्त हो गए थे। उपद्रवियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था।

सपा सरकार में फजलगंज थाने में वर्ष 2015 में बहुसंख्यक समुदाय के लोगों के खिलाफ दंगा भडक़ाने व बलवा आदि के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। इसमें 31 लोगों को आरोपी बनाया गया था। मुकदमे के तथ्यों और पुलिस व अभियोजन की रिपोर्ट के आधार पर शासन ने मुकदमे को वापस लेने के निर्देश दिए हैं। इसके संबंध में जरूरी कार्रवाई की जा रही है। -दिलीप अवस्थी, डीजीसी, फौजदारी

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