कानपुर शूटआउट के बहाने शिवसेना ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर सियासी हमला किया है. शिवसेना ने योगी सरकार से सवाल किया है कि तीन वर्ष पुरानी ‘एनकाउंटर सरकार’ की सूची में विकास दुबे का नाम क्यों नहीं जोड़ा गया? शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के सम्पादकीय में लिखा है कि ऐसा ना हो विकास दुबे नेपाल भागकर नेपाल का दाउद इब्राहिम बन बैठे.
सामना की संपादकीय में लिखा गया कि गुंडों के गिरोह और उनके अपराध की वजह से उत्तर प्रदेश जैसे राज्य कई दशकों से बदनाम हैं. मौजूदा सीएम योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में गुंडागर्दी का अंत कर दिया है, ऐसे दावे कई दफा किए गए. किन्तु कानपुर पुलिस हत्याकांड ने इन दावों पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. राज्य सरकार और पुलिस ने अब इस मामले में सख्त कार्रवाई शुरू की है. मामले के मुख्य आरोपी विकास दुबे के एक साथी को अरेस्ट कर लिया गया है और विकास की तलाश जोरों पर चल रही है.
हालांकि 2 जुलाई को विकास दुबे के गुंडों द्वारा आठ पुलिसकर्मियों की जिस तरह से निर्मम हत्या कर दी गई, उससे पूरे देश में आक्रोश है. इन आठ पुलिसकर्मियों में एक DSP रैंक का अफसर भी शामिल है. पुलिस टीम कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने गई थी. हालांकि विकास और उसके गुंडों ने पुलिस टीम पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी. इस फायरिंग में पुलिस उप-अधीक्षक देवेंद्र मिश्रा, तीन उप-निरीक्षक और चार कांस्टेबल समेत कुल आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए.
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