कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने आवास पर पार्टी नेताओं के साथ बैठक की। इस बैठक में कांग्रेस शासित राज्य के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए। इस बैठक में सोनिया ने पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को कहा कि सत्ता की चकाचौंध में पार्टी संगठन की अनदेखी बर्दास्त नहीं की जाएगी।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ निरंतर सीधा संवाद बनाने के साथ प्रदेश में संगठन का विस्तार और सदस्यता बढ़ाने के ठोस लक्ष्य में भी पार्टी मुख्यमंत्रियों को अहम भूमिका निभानी होगी। सोनिया गांधी ने छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से सोमवार को हुई अपनी बातचीत के दौरान पार्टी को मौजूदा राजनीतिक चुनौतियों के दौर से उबारने के लिए यह दिशा-निर्देश दिए।
सोनिया के कांग्रेस अध्यक्ष की कमान फिर से संभालने के बाद बघेल की उनसे पहली मुलाकात थी। पार्टी सूत्रों ने बताया कि सोनिया का साफ कहना था कि राज्यों में मजबूत संगठन के जरिये ही कांग्रेस की सियासी वापसी का रास्ता बनेगा।
इसीलिए सरकार के कामकाज को प्राथमिकता देने के साथ ही पार्टी पर फोकस रखना भी उतना ही अहम है। सोनिया ने बघेल से कहा कि प्रदेश कांग्रेस के कार्यकर्ताओं-नेताओं और सूबे की सरकार के बीच निरंतर संवाद सत्ता-संगठन में तालमेल के लिए अपरिहार्य है।
इसी क्रम में कांग्रेस अध्यक्ष ने सूबे में जिला और ब्लॉक स्तर पर संगठन की मजबूती के साथ पार्टी के सदस्यता अभियान को भी गंभीरता से शुरू करने की सलाह दी। सोनिया गांधी ने पार्टी की कमान दुबारा संभालने के बाद सूबे के नेताओं से मिलने का सिलसिला शुरू किया है।
इस दौरान वे पार्टी नेताओं से कांग्रेस को राजनीतिक संकट के दौर से निकालने की चर्चा के अलावा संगठन में किए जाने वाले संभावित बदलावों के लिए उनका मन भी भांप रही हैं। आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर यह बैठक महत्वपूर्ण हो जाता है।
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