हरियाणा में विपक्षी दल कांग्रेस ने सोमवार को सत्तारूढ़ पार्टियों के राज्य के विश्वविद्यालयों में कथित रूप से राजनीतिक कार्यक्रम आयोजित करने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह एक गलत मिसाल कायम करेगा. राज्य विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक बीबी बत्रा ने सितंबर 2019 से अब तक विभिन्न राज्य विश्वविद्यालयों में होने वाले कार्यक्रमों का विश्वविद्यालय-वार और पार्टी-वार विवरण मांगा.
बत्रा ने कहा कि यह देखना दुखद है कि राज्य के विश्वविद्यालयों को सत्ताधारी दल समारोह आयोजित करने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘विश्वविद्यालयों में राजनीतिक समारोह आयोजित करना गलत है. यह एक गलत मिसाल कायम करेगा.’ बत्रा के सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने कहा कि चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय, सिरसा को छोड़कर सभी राज्य विश्वविद्यालयों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सितंबर 2019 के बाद से किसी भी राजनीतिक दल ने उनमें कोई राजनीतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किया है.
भुगतान भी हुआ
उन्होंने कहा कि सिरसा विश्वविद्यालय के अनुसार दो राजनीतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए. एक जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) द्वारा नौ दिसंबर 2019 को और दूसरा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) द्वारा 11 जुलाई 2021 को. उन्होंने कहा कि दोनों कार्यक्रमों के लिए दोनों दलों द्वारा माल और सेवा कर सहित 59-59 हजार रुपये का भुगतान किया गया था. उन्होंने कहा कि जेजेपी के जिला सचिव ने सिरसा विश्वविद्यालय के कुलपति से उन्हें कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति देने का अनुरोध किया था
सीएम ने किया हस्तक्षेप
जबकि बीजेपी कार्यकर्ताओं ने सुरक्षा कारणों से विश्वविद्यालय के बहुउद्देशीय हॉल में इसे आयोजित करने की जिला प्रशासन की अनुमति मांगी थी. मुख्यमंत्री एमएल खट्टर ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि किसी भी संस्थान में समारोह आयोजित करने की अनुमति देने पर निर्णय लेना कुलपति के अधिकार क्षेत्र में है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय स्वायत्त निकाय हैं और अनुमति देना या मना करना उन पर निर्भर है.