बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी उनकी याचिका का विरोध किया है। स्वामी ने इसके पीछे कई तर्क दिए हैं।कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने नए पासपोर्ट के लिए दिल्ली की एक अदालत से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) देने की गुहार लगाई है। राहुल की याचिका पर गुरुवार को सुनवाई टल गई। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट अब इस पर आज सुनवाई करेगी। बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने राहुल की याचिका का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि अगर राहुल विदेश जाते हैं तो नेशनल हेराल्ड मामले की जांच प्रभावित हो सकती है।
क्या है सुब्रमण्यम स्वामी की दलील?
एडिशनल चीफ मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट वैभव मेहता की कोर्ट में सुनवाई के दौरान सुब्रमण्यम स्वामी ने राहुल की याचिका का विरोध किया। उनकी दलील थी कि यदि राहुल विदेश जाते हैं तो नेशनल हेराल्ड मामले की जांच प्रभावित हो सकती है। उन्होंने कहा कि आवेदक के पास 10 साल के लिए पासपोर्ट जारी करने लिए कोई वैध या प्रभावी कारण नहीं है। स्वामी ने अपने जवाब में कहा, ‘आवेदन 10 वर्षों के लिए पासपोर्ट जारी करने के लिए किसी योग्यता से रहित है।’
स्वामी ने कहा कि पासपोर्ट रखने का अधिकार, अन्य सभी मौलिक अधिकारों की तरह पूर्ण अधिकार नहीं है। ये राष्ट्रीय सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता और अपराध की रोकथाम के हित में सरकार द्वारा लगाए गए उचित प्रतिबंधों के अधीन है।
राहुल के वकील की दलील
राहुल गांधी के वकील ने कोर्ट से कहा कि उनके मुवक्किल के खिलाफ कोई आपराधिक मामला लंबित नहीं है, इसलिए उन्हें एनओसी मिलना चाहिए। नेशनल हेराल्ड केस में कोर्ट ने राहुल को 2015 में जमानत दे दी थी। इस दौरान वह कई बार विदेश गए हैं। राहुल के भागने की कोई आशंका नहीं है। यात्रा करना उनका मौलिक अधिकार है।
क्यों चाहिए राहुल गांधी को साधारण पासपोर्ट?
दरअसल, मोदी सरनेम मानहानि केस में दोषी ठहराए जाने पर राहुल गांधी को मार्च में लोकसभा सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने अपना राजनयिक पासपोर्ट सरेंडर कर दिया था। उन्होंने कोर्ट में याचिका दाखिल कर साधारण पासपोर्ट के लिए एनओसी जारी करने की मांग की है। राहुल गांधी 10 दिवसीय यात्रा पर अमेरिका जाना चाहते हैं। राहुल नेशनल हेराल्ड मामले में आरोपी हैं, इसलिए उन्हें नया पासपोर्ट बनवाने के लिए एनओसी की जरूरत है।