बीजेपी के अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस की अक्षमता पर निशाना साधा है। शाह ने कहा कि कांग्रेस में अब विपक्ष को एकजुट करने की क्षमता’ नहीं बची है। तीन तालाक संबंधी विधेयक पारित होने से ये स्पष्ट हो गया है। अमित शाह ने इस मुद्दे पर शनिवार को कुछ अखबारों में लिखे अपने लेख में कहा कि तीन तलाक संबंधी बिल पारित होने के बाद पीएम नरेन्द्र मोदी का नाम इतिहास में राजा राम मोहन राय और ईश्वरचंद्र विद्यासागर जैसे ‘समाज सुधारकों’ की श्रेणी में रखा जाएगा।
शाह ने अपने लेख में लिखा है कि 30 जुलाई भारत के संसदीय इतिहास में अहम पड़ाव है। उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद तीन तलाक कानून प्रभाव में आ गया है और मुस्लिम महिलाओं को इस कुप्रथा के दंश से सरंक्षण मिलेगा।’ उन्होंने कहा कि इससे महिलाओं के सम्मान, स्वाभिमान और गरिमायुक्त जीवन के प्रति मोदी सरकार की प्रतिबद्धता दिखी है। गृह मंत्री ने लेख में दावा किया, ‘एक तथ्य यह भी उभर कर सामने आया है कि विपक्षी दलों को एकजुट करने की कांग्रेस की क्षमता कम हुई है।’
लेख में कहा गया है कि तीन तलाक कानून जनसरोकार और सामाजिक सुधार से जुड़ा विषय था, इसलिए कई गैर एनडीए दलों ने भी इस बिल के पारित होने में परोक्ष या अपरोक्ष रूप से मदद किया। शाह के मुताबिक, ‘आज से तीन दशक पहले एकबार यह मौका आया था जब शाहबानो मामले में 400 से ज्यादा सांसदों वाली कांग्रेस पार्टी मुस्लिम महिलाओं को इस दंश से मुक्त करा सकती थी। मगर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, मौलवियों और वोट बैंक की राजनीति के दबाव में (तत्कालीन) पीएम राजीव गांधी ने कोर्ट के आदेश के उल्टा निर्णय लिया। ये सब तुष्टिकरण की राजनीति करने के लिए किया गया।