हर साल मनाई जाने वाली सर्वपितृ या पितृपक्ष की अमावस्या इस साल बुधवार को यानी 6 अक्टूबर 2021 को मनाई जाने वाली है। आप सभी को बता दें कि धर्मशास्त्रों के मुताबिक यह अमावस्या मनचाहा आशीर्वाद पाने के अत्यंत उत्तम दिन मानी जाती है। केवल यही नहीं बल्कि इसे मोक्षदायिनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। हर साल श्राद्ध महालय का आरंभ भाद्रपद पूर्णिमा से होता है, वहीं आश्विन महीने का प्रथम पखवाड़ा जो कि माह का कृष्ण पक्ष भी होता है पितृपक्ष के रूप में जाना जाता है। आप सभी को बता दें कि इस अमावस्या को पितृ अपने प्रियजनों के द्वार पर तर्पण-श्राद्धादि की इच्छा लेकर आते हैं और वह अपनी अंजुरी खोलकर खड़े होते हैं और उनके निमित्त आप जो भी करते हैं वह उसे ग्रहण करते हैं।

क्या करना चाहिए इस दिन –
सर्वपितृ अमावस्या को प्रात: स्नानादि के पश्चात गायत्री मंत्र का जाप करते हुए सूर्यदेव को जल अर्पित करना चाहिए। इसके बाद घर में श्राद्ध के लिए बनाए गए भोजन से पंचबलि अर्थात गाय, कुत्ते, कौए, देव एवं चीटिंयों के लिए भोजन का अंश निकालकर उन्हें देना चाहिए। वहीं इसके बाद श्रद्धापूर्वक पितरों से मंगल की कामना करनी चाहिए। इसके बाद ब्राह्मण या किसी गरीब जरूरतमंद को भोजन करवाना चाहिए व सामर्थ्य अनुसार दान दक्षिणा भी देनी चाहिए।
वहीं शाम के समय अपनी क्षमता अनुसार 2, 5 अथवा 16 दीपक प्रज्ज्वलित करने चाहिए। इसी के साथ कहा जाता है सर्वपितृ अमावस्या में पीपल के पेड़ में जल चढ़ाना चाहिए, क्योंकि पीपल में पितरों का वास माना जाता है। केवल यही नहीं बल्कि इस दिन नदी या किसी जलाशय पर जाकर काले तिल के साथ पितरों को जल अर्पित करने से घर में हमेशा घर में खुशहाली और शांति आती है और पितरों से मनचाहा आशीर्वाद मांगने पर वह मिलता है।
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