प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक चुनाव प्रचार के पहले ही दिन पूर्व प्रधानमंत्री एवं जनतादल (सेक्युलर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एच.डी. देवेगौड़ा की आलोचना करने से बचते हुए देवेगौड़ा की खूब प्रशंसा कर संकेत दे दिए कि भाजपा के निशाने पर सिर्फ कांग्रेस है. इस बहाने पीएम ने अपने विकल्प खुले भी रख दिए.
बता दें कि राजनीति में कोई किसी का स्थायी मित्र या शत्रु नहीं होता. 2008 में कर्नाटक में भाजपा की सरकार देवेगौड़ा पुत्र एच.डी. कुमारस्वामी के धोखे से उपजी सहानुभूति के कारण बनी थी. हालाँकि प्रत्यक्ष रूप से भाजपा और जनतादल (से.) में कोई रिश्ता नहीं है. इसके बावजूद इस सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता.इसलिए पिछले दिनों देवेगौड़ा ने अपने एक बयान में कहा था कि उनके पुत्र एवं पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एच.डी. कुमारस्वामी चुनाव बाद भाजपा के साथ जाते हैं, तो वह उनसे संबंधविच्छेद कर लेंगे. हालाँकि उनके इस बयान को किसी ने गंभीरता से नहीं लिया है.
राजनीतिक विश्लेषकों द्वारा बताया जा रहा है कि भाजपा ही सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर रही है , क्योंकि भाजपा ने विपरीत परिस्थितियों में भी 2004 में 79 सीटें जीती थी .जबकि दूसरी ओर एच.डी. कुमारस्वामी अपनी सरकार बनने का दावा कर रहे हैं.जबकिउनकी स्थिति कर्नाटक कभी भी बहुमत के आंकड़े 113 को छूने लायक नहीं रही. ऐसे में जरूरत पड़ने पर 2008 से पहले के ये दोनों दलों के गठबंधन का इतिहास एक बार फिर दोहराने से इंकार नहीं किया जा सकता.
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