कर्नाटक चुनाव के नतीजे से पहले ही जेडीएस के बयान से खलबली मच गई है जिसमें कुमारस्वामी की पार्टी ने समर्थन के लिए एक शर्त रखी है। कांग्रेस और भाजपा ने भी मामले पर बयान दिया है।
कर्नाटक में मतगणना से पहले ही सियासी हलचल तेज हो गई है। कल विधानसभा चुनाव के नतीजे आने है, उससे पहले ही कांग्रेस और भाजपा ने अपनी-अपनी जीत के दावे करने शुरू कर दिए हैं। इस बीच दोनों ही पार्टियों के बीच जेडीएस के बयान से खलबली मच गई है, जिसमें कुमारस्वामी की पार्टी ने समर्थन के लिए एक शर्त रखी है।
डीके शिवकुमार बोले- मेरे पास बैकअप योजना नहीं
कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार डीके शिवकुमार का भी जेडीएस के बयान पर रिएक्शन आया है। उन्होंने कहा कि एग्जिट पोल की अपनी थ्योरी होती है, मेरा नमूना आकार बहुत अधिक है और जिसके तहत हमारे पास सहज बहुमत होगा।
शिवकुमार ने आगे कहा कि जेडीएस के बारे में वे नहीं सोच रहे हैं, कुमारस्वामी अपना फैसला लेने को आजाद हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि मेरे पास कोई बैकअप योजना नहीं है, मेरी एकमात्र योजना है कि कांग्रेस पार्टी सत्ता में आएगी।
बोम्मई बोले- त्रिशंकु विधानसभा के चांस नहीं
कुमारस्वामी और डीके शिवकुमार के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई का भी बयान आया है। बोम्मई ने कहा कि त्रिशंकु विधानसभा की कोई संभावना नहीं है, हम आराम से सरकार बनाने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि डीके शिवकुमार केवल कल तक एग्जिट पोल वाली अपनी 141 सीटों से खुश हो सकते हैं।
भाजपा और कांग्रेस रणनीति बनाने में जुटी
मतगणना से पहले भाजपा और कांग्रेस रणनीति बनाने में जुट गई है। एक तरफ डीके शिवकुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की तो वहीं कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और अन्य भाजपा नेताओं ने बेंगलुरु में पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के आवास पर एक महत्वपूर्ण बैठक की।
जेडीएस ने रखी ये शर्त
जेडीएस नेता कुमारस्वामी ने कहा कि उनकी पार्टी ने पहले ही तय कर लिया है कि वो चुनाव के बाद किसे समर्थन देने जा रही है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी किसी भी राष्ट्रीय पार्टी के साथ गठबंधन करने को तैयार है, लेकिन एक शर्त होगी। शर्त यह होगी कि कुमारस्वामी को राज्य का सीएम बनाया जाए और उनकी पार्टी के नेताओं को मंत्री बनाया जाए।