मध्य प्रदेश के धार जिले में कारम नदी पर निर्माणाधीन बांध की एक दीवार में दरार दिखने के बाद बांध को खाली करने के लिए एक समानांतर चैनल बनाया गया है। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि रविवार तड़के तीन बजे इस बांध से समानांतर चैनल के जरिये पानी निकलना शुरू हो गया है। कुछ विशेषज्ञों ने बताया कि इसके साथ ही बांध की दीवार पर पानी का दबाव कम होने लगा है, जिससे इस बांध के टूटने का खतरा भी अब कम हो गया है।
अधिकारियों ने कहा कि इसके अलावा, धार में हो रही बारिश भी शुक्रवार से रुक गई है, जिससे इस बांध में आसपास के ऊपरी इलाकों से और पानी आना बंद हो गया है। इससे भी बांध को बचाने में मदद मिली है। यदि इलाके में बारिश नहीं रुकती, तो स्थिति जटिल हो सकती थी। मध्य प्रदेश के धार जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर कारम नदी पर 304 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इस बांध की दीवार से गुरुवार से जारी पानी के रिसाव एवं मिट्टी गिरने से बांध के टूटने का खतरा पैदा हो गया था। इसी आशंका के मद्देनजर यहां शनिवार को आपदा प्रबंधन के लिए सेना एवं राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम भी पहुंच चुकी है। इसके अलावा, वायुसेना के दो हेलीकॉप्टरों को भी तैयार रखा गया है, ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें तुरंत लोगों को बचाने के लिए भेजा जा सके।
18 गांवों को कराया खाली
घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने बांध के निचले क्षेत्र में बसे 18 गांवों को शुक्रवार को एहतियातन खाली कराके लोगों को सुरक्षित स्थानों पर राहत शिविरों में भेज दिया है। धार जिले की धर्मपुरी तहसील में कारम मध्यम सिंचाई परियोजना के तहत निर्माणाधीन इस बांध में लबालब पानी भरा हुआ है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस बांध की निरंतर निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने रविवार सुबह मौके पर उपस्थित मंत्रियों से स्थिति की जानकारी ली।
यह बोले मंत्री तुलसी सिलावट
इसके साथ ही राहत केंद्रों में रखे गये प्रभावित लोगों की समुचित व्यवस्थाओं को लेकर मुख्यमंत्री ने प्रशासन को निर्देश दिए हैं। चौहान ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से फोन पर चर्चा कर उन्हें निर्माणाधीन बांध से निकाले जा रहे पानी की यथास्थिति की विस्तृत जानकारी दी एवं शासन के विभिन्न प्रयासों से अवगत कराया। धार ज़िले के कारम बांध की समस्या को लेकर मध्य प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि अभी 15 MCM पानी है, उसको कम करने को कोशिश कर रहे हैं। जब पानी 10-11 MCM पर आ जाएगा तब हम निश्चिंत हो जाएंगे। हम सफलता के नजदीक हैं।