जिला मुख्यालय से महज 12 किमी की दूरी पर स्थित प्राथमिक शाला कोटा में शुक्रवार को बच्चों की दक्षता परखने के लिए आयोजित किए जा रहे बेसलाइन टेस्ट में फर्जीबाड़ा सामने आ गया। डीपीसी शिरोमणि दुबे, शिवपुरी बीआरसीसी अंगदसिंह तोमर के साथ यहां टेस्ट का जायजा लेने पहुंचे तो स्कूल में महज 18 बच्चे उपस्थित मिले, लेकिन जब बेसलाइन टेस्ट का रिकार्ड देखा तो 79 बच्चे कागजों में टेस्ट दे चुके थे।
जो 18 बच्चे मौजूद थे, उनके द्वारा कथित तौर पर दिए गए टेस्ट में उनके कॉलम में अंकित दक्षता स्तर के प्रश्न जब डीपीसी ने पूछे तो बच्चे जवाब नहीं दे पाए। यानि पूरा बेसलाइन टेस्ट सिर्फ कागजों तक सिमटा नजर आया। कागजी शिक्षा की इस हकीकत पर अधिकारी भी शर्मसार नजर आए और अब दोषी शिक्षकों पर कठोर कार्रवाई की बात कह रहे हैं। कोटा की ही तरह अर्जुनगवां स्कूल में भी यही हाल मिला है।
चंद्रमुखी की दक्षता शब्द पढ़ने की, पर नहीं पढ़ पाई –
बेसलाइन टेस्ट में फर्जीबाड़े को परखने के लिए डीपीसी ने कोटा स्कूल में कक्षा 4 की छात्रा चंद्रमुखी को बुलाया और उसके द्वारा कथित तौर पर हल किए गए बेसलाइन टेस्ट को भी मंगवाया। इसमें उक्त छात्रा की दक्षता शब्द स्तर बताई गई, यानि छात्रा शब्द पढ़ लेती है, लेकिन जब डीपीसी ने बेहद साधारण शब्द पढ़ने को छात्रा से कहा तो वह नहीं पढ़ पाई।
इसी तरह अर्जुनगवां में छात्र गौरव आदिवासी की अक्षर स्तर की दक्षता अंकित की गई, लेकिन वह अक्षर नहीं पढ़ पाया। इसी तरह कक्षा 3 के गुरप्रीत वाक्य नहीं पढ़ पाए तो कहानी स्तर पर अंकित सोमवती ‘धोना’ शब्द तक नहीं पढ़ पाई। कोटा में जब डीपीसी ने शिक्षकों को फटकार लगाकर बच्चों को घर से बुलाने को कहा तो बच्चों की संख्या 18 से बढ़कर 36 हो गई।
शिक्षिका मिली गैरहाजिर, स्टाफ को भी फटकार –
कोटा स्कूल में पदस्थ सहायक अध्यापक रेणु अवस्थी बिना किसी सूचना के गैरहाजिर मिली। इसके अलावा बेसलाइन टेस्ट में फर्जीबाड़े पर यहां पदस्थ शिक्षक देवेन्द्र शर्मा, राकेश मिश्रा, राकेश गुप्ता व अनिल जबरेलिया सहित अर्जुनगवां के शिक्षक धर्मेन्द्र मंडेलिया को लापरवाही पर फटकार लगाई। इन सभी के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रस्ताव भेजने की बात डीपीसी कह रहे हैं।
डीईओ को मिली शिकायत, जांच में बंद मिला शहर का स्कूल –
इधर शुक्रवार को ही डीईओ परमजीतसिंह गिल को फोन पर शिकायत मिली कि शहर के शक्तिपुरम खुड़ा स्थित प्रावि स्टेशन रोड दोपहर 3 बजे बंद है। जिस पर उन्होंने बीआरसीसी को जांच के निर्देश दिए। जांच करने पहुंचे बीएसी मजीद खान व संतोष व्यास मौके पर गए तो बाकई स्कूल पर ताला झूल रहा था। जिसके बाद पंचनामा बनाकर डीईओ को प्रतिवेदन सौंपा गया है। यहां शिक्षक राजू गर्ग व ऊषा रानी पदस्थ हैं। दोनों के निलंबन की बात डीईओ ने कही है।
फतेहपुर स्कूल पर भी लगा मिला ताला –
शुक्रवार को ही किसी छात्र ने समय से पूर्व फतेहपुर प्राथमिक स्कूल बंद हो जाने की शिकायत बीएसी माथुर को की। इस पर बीआरसीसी ने एमआरसी प्रदीप शर्मा व बीजीसी रेखा पाल को मौके पर भेजा तो स्कूल बंद था। बच्चों ने बताया कि 3 बजे ही शिक्षक रवानगी डाल गए। यहां पदस्थ शिक्षक दामोदर बैष्णव, कुसुम गौड़, अशोक चौधरी, रेणु शर्मा, मंजू शर्मा, शक्तिस्वरूप पाराशर, दुर्गादत्त, अनिता चौरसिया, सविता महाजन, बरखा त्रिपाठी, रुकमणी मिश्रा की एक एक वेतनवृद्घि रोकने का प्रस्ताव बीआरसीसी ने डीईओ को भेजा है।
यह बोले अधिकारी –
बेसलाइन टेस्ट के निरीक्षण के दौरान कोटा व अर्जुनगवां में फर्जीबाड़ा सामने आया है। स्कूल में 18 बच्चे मौजूद मिले, जबकि 79 बच्चों के टेस्ट कागजों में मिले। इसके अलावा अंकित दक्षता की तुलना में बच्चे जवाब भी नहीं दे पाए। मामले में कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई कर रहे हैं।