फेसबुक के संस्थापक और सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने ऑनलाइन कंपनियों के लिए टैक्स हेतु नए फ्रेमवर्क की वकालत की है। जुकरबर्ग ने इस मामले में आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) समूह की कोशिशों का समर्थन किया है और कहा है कि कंपनियों को ज्यादा कर देने से आपत्ति नहीं है।
डिजिटल टैक्स का मुद्दा पिछले काफी समय से विवाद में बना हुआ है। इसको लेकर अमेरिका और फ्रांस के बीच तकरार भी हो चुकी है जब फ्रांस ने अमेरिकी ऑनलाइन कंपनियों पर अलग से कर लगा दिया था।
अमेरिका ने इसे भेदभावपूर्ण फैसला बताया था। हालांकि, पिछले महीने दोनों देश इसके लिए ओईसीडी के अंतर्गत एक वैश्विक फ्रेमवर्क बनाने को तैयार हुए। इधर, ब्रिटेन भी अपना डिजिटल टैक्स लगाने को तैयार है।
दूसरी ओर, अमेरिका ने एक वैकल्पिक व्यवस्था का प्रस्ताव दिया है लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इससे कानून का पालन करना मुश्किल होगा।
उन्होंने साल के अंत तक इस बारे में विस्तृत करार पर भी आशंका जताई है। ओईसीडी के वार्ताकारों के लिए अगला पड़ाव जुलाई महीने के पहले सप्ताह में आएगा जब इसके 137 सदस्य राष्ट्र डिजिटल टैक्स संबंधी मुख्य नीतियों पर अपनी सहमति देंगे।
जकरबर्ग शनिवार को म्यूनिख में एक सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करेंगे। उन्होंने कहा कि ओईसीडी की नई डिजिटल टैक्स व्यवस्था को मानने से फेसबुक परहेज नहीं करेगा, भले ही ऑनलाइन कंपनियों को पहले से ज्यादा और अलग-अलग देशों में कर देना पड़े।
ओईसीडी ने कहा है कि नई व्यवस्था से वैश्विक स्तर पर 100 अरब डॉलर कॉरपोरेट टैक्स ज्यादा मिलने की उम्मीद है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि टैक्स बचाने के लिए लक्जेमबर्ग और आयरलैंड जैसे कम कर वाले देशों में अपना मुख्यालय बनाने की डिजिटल कंपनियों की आदत पर लगाम लगेगी।