बिहार विधानसभा चुनाव में भले ही अभी आठ-नौ महीने का वक्त है. लेकिन राज्य में राजनीतिक पारा काफी गरमा गया है. इन चर्चाओं को परवान चढ़ाया है जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के उस बयान ने जिसमें वह एनडीए में सीट शेयरिंग की बात कर रहे हैं. अब खबर है कि एलजेपी ने भी राज्य में चुनावी तैयारी शुरू कर दी है. 2015 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को 42 सीटें मिली थीं. तब पार्टी के साथ एनडीए में बीजेपी के अलावा उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएसपी और जीतनराम मांझी की हम पार्टी शामिल थी.
इन चर्चाओं की शुरुआत जेडीयू के उपाध्यक्ष और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के सीट बंटवारे के फॉर्मूले से हुई. प्रशांत किशोर के बयान के बाद उनके और बिहार के उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सुशील मोदी के बीच सीधी ज़ुबानी जंग शुरू हो गई.
इस बीच बिहार में एनडीए की तीसरी सहयोगी पार्टी एलजेपी ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक़ पार्टी ने राज्य की 119 सीटों पर अपनी तैयारी शुरू कर दी है.
पार्टी सूत्रों ने बताया कि ये सभी वो सीटें हैं जिसपर 2015 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू या बीजेपी को जीत हासिल नहीं हुई थी. पार्टी को लगता है कि इनमें से 54 सीटें ऐसी हैं जिसपर पार्टी जीतने की स्थिति में है जबकि 22 सीटें ऐसी हैं जहां कांटे का मुकाबला हो सकता है. जिन 119 सीटों पर पार्टी की नज़र है उसके लिए उम्मीदवारों को चिन्हित करने का काम भी शुरू हो चुका है.