एलजेपी ने एक बयान में कहा है कि पार्टी पहले से ही कोरोना टेस्टिंग बढ़ाने की मांग करती आई है. अब प्रधानमंत्री ने भी नीतीश कुमार को सुझाव दिया है टेस्टिंग बढ़ाने का. एलजेपी ने कहा, अब प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप के बाद बिहार में टेस्टिंग बढ़ने की उम्मीद है.
बता दें, कुछ अर्से से बिहार में एलजेपी और नीतीश कुमार के बीच ‘बिहार फ़र्स्ट बिहारी फ़र्स्ट’ को लेकर है खींचतान चल रही है. इसी प्रकरण में एलजेपी ने कोरोना के नाम पर भी नीतीश सरकार और उनकी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) को घेरना शुरू कर दिया है.
प्रधानमंत्री ने मंगलवार को मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की थी. इसमें उन्होंने कहा था कि कोरोना से अति प्रभावित 10 राज्य अगर संक्रमण पर रोक लगा लें तो देश कोरोना के खिलाफ जंग जीत जाएगा.
इसमें सुर में सुर मिलाते हुए एलजेपी ने पीएमओ द्वारा किए ट्वीट को री-ट्वीट करते हुए लिखा, पूर्व से ही यह मांग लोक जनशक्ति पार्टी करती आई है कि बिहार में कोरोना टेस्टिंग बढ़ाने की आवश्यकता है. अब प्रधानमंत्री जी के हस्तक्षेप कर सुझाव देने के बाद आशा ही नहीं बल्कि विश्वास है कि बिहार सरकार टेस्टिंग बढ़ाएगी ताकि बिहार को कोरोना से सुरक्षित किया जा सके.
इससे पहले मंगलवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोरोना की मौजूदा स्थिति को लेकर वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ली गई समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि बिहार में कोरोना की जांच की संख्या बढ़ाने को लेकर लगातार काम किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि इसमें सफलता भी मिली है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में एक लाख से अधिक जांच करने का लक्ष्य रखा गया है. मुख्यमंत्री ने आगे कहा, हमलोगों का लक्ष्य है प्रतिदिन 1 लाख से अधिक जांच कराने की है. हम सभी लोगों की टेस्टिंग कराना चाहते हैं, जिससे कोरोना संक्रमितों की पहचान कर उनका बचाव किया जा सके.