देश में आज उस समय हड़कंप मच गया जब एयर इंडिया का विमान हाइजैक हो गया। सारी सुरक्षा एजेंसियों ने तुरंत देश के हर हवाअड्डे को अलर्ट पर रख दिया।
देहरादून एयरपोर्ट पर एयर इंडिया का प्लेन हाइजैक हो गया। हाइजैक की सूचना मिलते ही प्रशासन ने NSG को बुलाया। NSG कमांडोज ने तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद तीन आतंकियों को मार गिराया और प्लेन में सवार यात्रियों को मुक्त करा दिया। दरअसल ये पूरी घटना एक मॉक ड्रिल थी। लीबिया में प्लेन हाइजैक के बाद भारत में भी इस तरह की घटना की आशंका है। इस वजह से भारत की तमाम सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं।
इसी क्रम में नैशनल सिक्यॉरिटी गार्ड्स (NSG) ने सभी भारतीय एयरलाइंस और चार्टर प्लेन ऑपरेटर्स से कहा है कि वे इस्तेमाल में आने वाले हर एयरक्राफ्ट उनके लिए मुहैया कराएं। भविष्य में किसी प्लेन हाइजैक की स्थिति में बेहतर जवाबी कार्रवाई करने के मकसद से ऐसे ही ड्रिल को अंजाम दिया जाएगा। एक सीनियर एयरलाइंस अधिकारी ने बताया, ‘हमें प्लेन उपलब्ध कराने के लिए कहे गए हैं। करीब-करीब सभी एयरलाइंस कंपनियों ने इस बात पर रजामंद हैं कि वे रात को कुछ घंटों के लिए एनएसजी को अपने प्लेन उपलब्ध कराएंगे। अब यह उन पर है कि वे अपनी ड्रिल शुरू करें।’
हालांकि, इंडियन एयरलाइंस ने एनएसजी के लिए सिर्फ एक शर्त रखी है। कुछ साल पहले एक एेंटी हाइजैक ड्रिल के दौरान एक एयरक्राफ्ट के इंटीरियर को नुकसान पहुंचा था। इसके बाद डीजीसीए को जानकारी दी गई, जिन्होंने यह मुद्दा एयरलाइंस की ओर से उठाया था। एक सूत्र के मुताबिक, ‘डीजीसीए ने सुरक्षा एजेंसियों से कहा है कि वे एयरक्राफ्ट के इमरजेंसी एक्जिट, अंदर की जगह, दूसरी जानकारियों से भली-भांति परिचित हो जाएं, लेकिन प्लेन को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए।’
प्लेन को होने वाला नुकसान ही बस एक वजह नहीं है। दो साल पहले एनएसजी ने बोइंग 747 जंबो जेट में ऐसी ही एक ड्रिल की थी। यह प्लेन पीएम नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा पर स्टैंडबाय के लिए था। बाद में तलाशी में एक हथगोले का खोल मिलने के बाद अफरातफरी मच गई थी। बाद में पता चला कि यह डिफ्यूज किया गया खोल था, जिसका इस्तेमाल एनएसजी ने एक एेंटी हाइजैक मिशन में किया था। बाद में एनएजी से दरख्वास्त की गई कि वे अपनी प्रैक्टिस के बाद मौके पर इस्तेमाल हर चीज को सावधानी पूर्वक हटा लें।