एयरपोर्ट बिजनस के IPO से 4,000-5,000 करोड़ रुपये जुटाएगा GMR

एयरपोर्ट बिजनस के IPO से 4,000-5,000 करोड़ रुपये जुटाएगा GMR

जीएमआर इन्फ्रास्ट्रक्चर अपनी एयरपोर्ट होल्डिंग कंपनी को शेयर बाजार में लिस्ट कराकर 4,000-5,000 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी कर रहा है। आईपीओ से मिलनेवाली रकम से कंपनी कर्ज चुकाएगा और एक हिस्से का इस्तेमाल बिजनस बढ़ाने के लिए भी करेगा। शेयर बाजार में अभी काफी पैसा आ रहा है। वहीं, मूडीज के भारत की सॉवरन रेटिंग बढ़ाने के बाद से विदेशी निवेशकों की भी भारतीय बाजार में दिलचस्पी बढ़ गई है। इस वजह से 2018 में बेंचमार्क इंडेक्स नए शिखर पर पहुंच गए। इसलिए भारतीय कंपनियां एक के बाद एक आईपीओ लाने की तैयारी कर रही हैं। एयरपोर्ट बिजनस के IPO से 4,000-5,000 करोड़ रुपये जुटाएगा GMR

जीएमआर इस इशू के लिए बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच, जेएम फाइनैंशल, कोटक महिंद्रा कैपिटल, ऐक्सिस कैपिटल और आईसीआईसीआई सिक्यॉरिटीज जैसे पांच लीड मैनेजरों के साथ काम कर रहा है। जीएमआर का यह आईपीओ अप्रैल-जून तिमाही में आ सकता है। इस मामले से वाकिफ कई सूत्रों ने यह जानकारी दी है। आईपीओ से जहां कंपनी को कर्ज कम करने का मौका मिलेगा, वहीं इसमें निवेश कर चुके और कंपनी से नाराज चल रहे प्राइवेट इक्विटी इन्वेस्टर्स को अपनी हिस्सेदारी बेचने का अवसर भी मिलेगा। हालांकि, इस बारे में जीएमआर इन्फ्रास्ट्रक्चर से पूछने पर जवाब नहीं मिला। इस पर कॉमेंट के लिए बैंकरों से भी संपर्क नहीं हो पाया। जीएमआर इन्फ्रास्ट्रक्चर का शेयर बुधवार को 4.7 पर्सेंट की तेजी के साथ 22.25 रुपये पर रहा। 

यह अब तक का सबसे बड़ा इन्फ्रास्ट्रक्चर आईपीओ हो सकता है। पिछले साल मई में आईआरबी इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलपर्स लिमिटेड ने इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (आईआरबी इनविट) की शेयर बाजार में लिस्टिंग से 5,033 करोड़ रुपये जुटाए थे। इससे पिछला बड़ा आईपीओ जेपी इन्फ्रा का था जो मई 2010 में आया था। जेपी ने उससे 2,260 करोड़ रुपये जुटाए थे। 

जीएमआर इन्फ्रा पर सितंबर 2017 तक कुल 14,340 करोड़ रुपये का कर्ज था। वह कर्ज चुकाने के लिए अपने ऑपरेशनल ऐसेट्स में हिस्सेदारी बेचने की कोशिश कर रही है। कंपनी ने पहले एयरपोर्ट होल्डिंग कंपनी में ठीक-ठाक हिस्सेदारी किसी स्ट्रैटिजिक इन्वेस्टर को बेचने की योजना बनाई थी, लेकिन बाद में वह इस प्लान से पीछे हट गई। उसने हैदराबाद और दिल्ली जैसे इंडिविजुअल एयरपोर्ट ऐसेट्स को बेचने के बारे में भी सोचा था, लेकिन इस बारे में कंपनी की बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला। 

दिल्ली और हैदराबाद के अलावा जीएमआर एयरपोर्ट्स फिलीपींस, गोवा और ग्रीस में ऐसेट्स हैंडल करता है। दिल्ली एयरपोर्ट पर वह साल में 5.77 करोड़ पैसेंजर्स को हैंडल करती है, जबकि हैदराबाद एयरपोर्ट पर सालाना 1.52 करोड़ यात्री आते हैं। गोवा में इंडियन नेवी का एक एयरपोर्ट है। हालांकि, जीएमआर यहां 3,000 करोड़ की लागत से नया एयरपोर्ट बनाने जा रहा है। 

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