एयरटेल पेमेंट बैंक को नए ग्राहक जोड़ने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक से अनुमति मिल गई है। आधार जारी करने वाली यूआइडीएआइ ने भी नए ग्राहकों के लिए 12 अंकों का आधार आधारित ई-केवाईसी के इस्तेमाल के लिए भी अनुमति दे दी है। करीब सात महीने पहले एयरटेल के ग्राहकों को कथित तौर पर उनकी सहमति के बिना एयरटेल पेमेंट बैंक का ग्राहक बनाने को लेकर वह विवादों में आ गई थी।
रिजर्व बैंक और यूआइडीएआइ से अनुमति मिलने की जानकारी एयरटेल पेमेंट बैंक ने एक बयान के जरिये दी है। सात महीने पहले एयरटेल और उसका पेमेंट बैंक उस समय मुश्किल में आया था जब कथित तौर पर एयरटेल के ग्राहकों का खाता उनकी अनुमति के बगैर बैंक में खोल दिया गया और उनकी एलपीजी सब्सिडी का पैसा उसमें जमा होने लगा। इस तरह करोड़ों रुपये की सब्सिडी इन खातों में जमा हो गई।
यह मामला सामने आने के बाद रिजर्व बैक ने एयरटेल पेमेंट बैंक को नए ग्राहक बनाने से रोक दिया था और यूआइडीएआइ ने एयरटेल और उसके पेमेंट बैंक का ई-केवाईसी लाइसेंस रद्द कर दिया था। हालांकि कंपनी ने किसी भी गड़बड़ी से इन्कार किया था और दिशानिर्देशों का पालन करने की बात कही थी।
आआइडीएआइ ने इस साल मार्च में एयरटेल को अपने ग्राहकों का आधार के जरिये सत्यापन करने की अनुमति दे दी। लेकिन पेमेंट बैंक का ई-केवाईसी लाइसेंस बहाल नहीं किया था। बैंक के बयान के अनुसार उसे रिजर्व बैंक से नए ग्राहकों को जोड़ने की आवश्यक मंजूरी मिल गई है। उसने बताया कि यूआइडीएआइ ने भी आधार आधारित ई-केवाईसी का इस्तेमाल करके नए ग्राहक बनाने की अनुमति दे दी है।
बैंक ने कहा है कि वह वित्तीय समावेशन और सभी को बैंकिंग सेवाएं पहुंचाने के सरकार के लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध है। पेमेंट बैंक दूसरे सामान्य बैंकों की तरह बैंकिंग सेवाएं दे सकते हैं। लेकिन उनके लेनदेन छोटी रकम के ही होंगे और वे कोई कर्ज नहीं दे सकेंगे। हालांकि इन बैंकों को एक लाख रुपये डिपॉजिट लेने की अनुमति है।