एक वेश्या ने दिया था भारत की आजादी में बड़ा योगदान, आपको हिला देगा ये सच

एक वेश्या ने दिया था भारत की आजादी में बड़ा योगदान, आपको हिला देगा ये सच

भारत से अंग्रेजो को भगाने का सबसे पहला प्रयास 1857 की क्रांति के रूप में सामने आया . जिसे पहला स्वतन्त्रता संग्राम भी कहा जाता है . आज हम आपको इसी विषय में कुछ और जानकारी प्रदान करना चाहते है . दरअसल उस समय ब्रिटिश सरकार की हुकुमत, उनकी नीतियों और शोषण के खिलाफ भारत में पहली बार ऐसा प्रदर्शन हुआ जिसने ब्रिटिश शासन की नीव हिला कर रख दी थी .एक वेश्या ने दिया था भारत की आजादी में बड़ा योगदान, आपको हिला देगा ये सच

दरअसल इस क्रांति की शुरुआत बैरकपुर छावनी से उस वक्त शुरू हुई जब मंगल पांडे ने गाय के मास लगे कारतूस का प्रयोग करने से इंकार करते हुए एक बड़े ब्रिटिश अधिकारी की हत्या कर दी . जिसके लिए ब्रिटिशो ने उन्हें 8 मई 1857 को फांसी दे दी . उसके बाद मंगल पांडे की फांसी के विद्रोह ने एक क्रांति का रूप ले लिया .

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इस विद्रोह में भारतीय सैन्य टुकड़ियों ने इन कारतूसो का विरोध किया और इन टुकडियों ने भारत के अलग अलग प्रदेशो में जाकर लोगो को संगठित करके एक संग्राम का आरम्भ किया . जिसने अंग्रेजो को भारत के कई इलाको से भागने पर मजबूर कर दिया था . आपको बता दें कि इस स्वतन्त्रता के संग्राम में जहाँ सारा देश अपना योगदान दे रहा था तो वहीँ एक वेश्या ने भी इसमें एक अहम भूमिका निभाई थी .

 

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