ये तो सब जानते हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी ने एक चाय वाले से लेकर प्रधानमंत्री का सफर बड़ी कठिनाईयों से तय किया है। कई उतार-चढ़ाव आए लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी मंजिल तय की। मोदी के इस सफर के किस्से भी हैं जो शायद हर कोई नहीं जानता। पीएम नरेंद्र मोदी से जुड़ा एक ऐसा ही किस्सा सामने आया है जो शायद ज्यादा लोगों ने नहीं सुना होगा। ये बात थोड़ी पुरानी जरूर है लेकिन उस समय भी भाजपा और देश में मोदी का कद कुछ कम नहीं था। क्या आपको पता है एक महिला के लिए मोदी ने अपनी सीट छोड़ दी थी और खुद फर्श पर सोए थे। ये दिलचस्प जानकारी साल 2014 में द हिंदू में भी छपी थी।
पीएम मोदी ने कहा, कोई परेशानी हो तो हमें बता देना
26 साल पहले की इस घटना का उल्लेख इंडियन रेलवे (ट्रैफिक) सर्विस की वरिष्ठ अधिकारी लीना शर्मा ने किया। उन्होने साल 2014 में द हिंदू में लिखा कि एक बार लखनऊ से दिल्ली जाने के लिए ट्रेन में चढ़ीं। उन ट्रेन में 2 सांसद पहले से मौजूद थे। जिनके साथ 12 यात्री भी थे जोकि बिना टिकट थे। लीना ने लिखा था कि वो लगातार हमे परेशान कर रहे थे और आखिर में हमने सीट छोड़ने का फैसला किया। रात को खौफनाक करार देते हुए लीना ने लिखा की किसी तरह रात बिताने के बाद हम सुबह दिल्ली पहुंचे। जहां से हमे अहमदाबाद जाना था। समय कम होने की वजह से हमारी टिकट कंफर्म नहीं हुई लेकिन टीटी से निवेदन करने पर उन्होने सीट दिलाने का आश्वासन दिया, और हमें ले जाकर दो लोगों के पास बैठा दिया, ये कहते हुए कि ये दोनों इस रुट के रेगुलर यात्री हैं आप आराम से बैठें। लीना ने अपने लेख में लिखा कि पहले के अनुभव को लेकर हम तब डर गए जब दोनों ने अपना परिचय बीजेपी नेता के तौर पर दिया थोड़ी देर बैठने पर हमे इस बात का विश्वास हो गया कि ये दोनों पुरुष सभ्य हैं।
उसके बाद टीटी ने हमे जानकारी दी कि वो सीट उपलब्ध नहीं हो पाएगी। उस वक्त उन दोनों नेताओं ने फैसला किया कि वो हमें अपनी सीट देंगे और खुद जमीन पर सोएंगे। कुछ ही देर में शाकाहारी थाली आई, हमने एक साथ भोजन किया और उसका बिल एक गंभीर दिखने वाले पुरुष ने किया, उस वक्त मैने नाम पूछा तो उन्होने अपना नरेंद्र मोदी और शंकर सिंह वाघेला बताया। उस रात शंकर सिंह वाघेला और नरेंद्र मोदी ने फर्श पर अपना बिस्तर लगाया और सो गए। रात में हमारी यात्रा जब पूरी हुई तो दोनों ही नेताओं ने इस बात का विश्वास दिलाया कि किसी परेशानी की स्थिति में आप हमे निसंकोच संपर्क कर सकती हैं। लीना शर्मा ने अपने लेख में लिखा की ट्रेन से उतरते वक्त मैने दोनों नेताओं का नाम अपनी डायरी में लिखा था।