कहते हैं जन्म के बाद बच्चा छह माह तक खुद को गर्भ के अंदर ही मानते हुए नींद में रहता है और आंखें भी ठीक से नहीं खो पाता है। ऐसे ही एक पांच माह के मासूम को आंखें खोल पाने से पहले ही उसकी बुआ ने जिंदा नदी में फेंक कर मौत की नींद सुला दिया। बिल्हौर के लालूपुरवा से गायब हुए बच्चे का शव ईशन नदी में मिलने के बाद सुराग तलाश रही पुलिस ने पकड़ा तो बुआ का सच सुनकर हैरान रह गई।
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बहनोई पर लगाया था अपहरण का आरोप
बिल्हौर के मोहिउद्दीनपुर के मजरा लालूपुरवा गांव में रहने वाले रिंकू निषाद का पांच माह का बेटा सुशील सोमवार की दोपहर कमरे पर चारपाई पर लेटा सो रहा था। इस बीच अचानक बच्चा गायब होने पर परिवार में अफरा तफरी मच गई थी। रिंकू ने बांगरमऊ के रसूलपुर क्षेत्र के मझगवां निवासी बहनोई देशराज पर बहन सीता से विवाद होने के चलते बच्चे को अगवा करने का आरोप लगाकर पुलिस से शिकायत की थी। पुलिस ने बच्चे की खोजबीन शुरू की थी।
घर के पास ईशन नदी में मिला था शव
बीते शुक्रवार की दोपहर गांव में घर से करीब 50 मीटर दूर ईशन नदी में बच्चे का शव उतराता हुआ मिला था।स्वजन व ग्रामीणों ने बच्चे की हत्या कर शव नदी में फेंके जाने की आशंका व्यक्त की थी। पुलिस मामले में साजिश मानकर भी छानबीन कर रही थी, हलांकि असल अपराधी तक पहुंचने में काफी उलझ गई थी। पुलिस का शक बहनोई पर तो था ही लेकिन घर के लोगों पर भी बना हुआ था। इसलिए सबसे अलग अलग पूछताछ करने के साथ उनके बारे में भी जानकारी जुटा रही थी।
बुआ ने कबूली पूरी वारदात
पुलिस ने पूछताछ के लिए रिंकू की बहन सीता को हिरासत में लिया तो उसने सारा सच कबूल कर लिया। इंस्पेक्टर अतुल कुमार सिंह ने बताया कि सीता का पति देशराज से विवाद चल रहा था और वह भाई रिंकू के साथ मायके में रह रही थी। सीता ने बताया है कि पति को फसाने के लिए बच्चे को जिंदा नदी में फेंक दिया था। इसके बाद पति द्वारा भतीजे का अपहरण करके ले जाने की झूठी कहानी बताई थी। इंस्पेक्टर ने बताया कि मामले में सीता को गिरफ्तार करके बच्चे की हत्या तथा साक्ष्य छिपाने का मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई की जा रही है।