नई दिल्ली, RBI ने प्राइवेट सेक्टर के RBL Bank पर 2 करोड़ रुपये का तगड़ा जुर्माना लगाया है। नियामकीय अनुपालन में खामियों, बैंकिंग नियमन अधिनियम के प्रावधानों का पालन नहीं करने और एक Cooperative Bank के नाम पर 5 सेविंग अकाउंट खोलने के कारण बैंक पर यह जुर्माना लगाया गया है। बैंक ने साथ ही Board of directors के कंपोजीशन में आरबीआई के नियमों का पालन नहीं किया।
बाद में केंद्रीय बैंक ने आरबीएल बैंक को नोटिस जारी कर पूछा था कि क्यों न उसके निर्देशों का अनुपालन नहीं करने और बैंकिंग नियमन अधिनियम के प्रावधानों को पूरा नहीं करने के लिए उसपर जुर्माना लगाया जाए। कारण बताओ नोटिस पर आरबीएल बैंक के जवाब और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान उसकी मौखिक दलीलें सुनने के बाद रिजर्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि इन उल्लंघनों के लिए जुर्माना लगाने का मामला बनता है।
रिजर्व बैंक ने एक अन्य बयान में कहा कि जम्मू-कश्मीर राज्य सहकारी बैंक लि., श्रीनगर पर भी बैंकिंग नियमन अधिनियम, 1949 के कुछ प्रावधानों के लिए उल्लंघन को लेकर 11 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। बैंक का सांविधिक तौर पर निरीक्षण नाबार्ड ने 31 मार्च 2019 को उसकी वित्तीय स्थिति को लेकर किया था।
उधर, दिल्ली हाईकोर्ट ने पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव (PMC) बैंक जमाकर्ताओं के लिए निकासी की सीमा को लेकर हलफनामा दाखिल करने को दो सप्ताह का समय दिया है। इसके अलावा अदालत ने कहा है कि जमाराशि को जारी करने के आवेदनों के लिए बैंक प्रशासक को एक प्रक्रिया बनानी चाहिए। अदालत ने सुझाव दिया है कि पीएमसी बैंक के प्रशासक इसके लिए व्यवस्था बनाने को प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें जमाकर्ताओं की दिक्कतों को हल करने के लिए आवेदनों की जांच की प्रक्रिया 48 घंटे में पूरी होनी चाहिए।
न्यायमूर्ति राजीव शकधर और न्यायमूर्ति तलवंत सिंह की पीठ ने उपभोक्ता अधिकार कार्यकर्ता बेजोन कुमार मिश्रा की अपील पर रिजर्व बैंक से कहा है कि वह लघु वित्त बैंक (एसएफबी) स्थापित करने की समयसीमा बताए, जिसमें इस संकटग्रस्त बैंक का विलय होना है। याचिका में जमाकर्ताओं की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए आपात कोष जारी करने का आग्रह किया गया है।