आजकल कमजोर स्मरणशक्ति की समस्या से हर कोई परेशान है। एकाग्रता की कमी भूलने की बीमारी की जनक होती है। कोई भी चीज याद रखने के लिए जरूरी है कि आपका मन स्थिर हो। इसके लिए लोग कई तरह की दवाओं का भी सेवन करते हैं। छात्रों में एकाग्रता की जरूरत सबसे ज्यादा होती है। ऐसे में याद्दाश्त बढ़ाने के लिए दवाओं के सेवन से बेहतर है कि प्राकृतिक रूप से एकाग्रता बढ़ाने के उपाय किए जाएं। इसके लिए योग में कुछ खास तरह के आसन हैं, जिनका इस्तेमाल कर आप मन को एकाग्र कर स्मरणशक्ति में सुधार कर सकते हैं –
त्राटक आसन – त्राटक आसन को करने के लिए एक कागज पर काला होल बना दें| अब उसे 5 फीट की दूरी पर रखकर खड़े हो जाएं, और उस गोले पर ध्यान केंद्रित करें। इससे आपको महसूस होगा कि आपका सारा तनाव ख़त्म हो रहा है और काले बिंदु में जा रहा है। एकाग्रता बढाने के लिए यह बहुत ही प्रभावी आसन है।
वृक्षासन – इस आसन को करते आकृति पेड़ की तरह हो जाती है, इसलिए इसे वृक्षासन कहा जाता है। यह आपके शरीर में संतुलन बनाता है। इससे आपका शारीरिक और मानसिक दोनों तनाव दूर होते है| एकाग्रता बढाने के लिए यह आसन भी फायदेमंद है। इसे करने के लिए हाथों को बगल में रखते हुए सीधे खड़े हो जाएँ। दाहिने घुटने को मोड़ते हुए पंजे को बाईं जंघा पर रखें। आपके पैर का तलवा जंघा के ऊपर सीधा एवं ऊपरी हिस्से से सटा हुआ होना चाहिए। संतुलन बनाएं तथा उसके बाद गहरी साँस अंदर लें। हाथों को सर के ऊपर ले जाएं और नमस्कार की मुद्रा बनाएं। धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए हाथों को नीचे ले आयें और दाहिने पैर को सीधा कर लें। दूसरे पैर से भी यही क्रिया दुहराएं।
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नटराज आसन – नटराज आसन के नियमित रूप से अभ्यास करने से शरीर के अंगो में संतुलन आता है। इससे शरीर में खिंचाव आता है तथा एकाग्रता की क्षमता का विकास होता है। नटराज आसन के लिए सबसे पहले सीधे खड़ें हो जाएं तथा अपने सामने किसी बिंदु पर ध्यान केंद्रित करें। अब दाएं पैर का घुटना मोड़े तथा दाएं हाथ से दाएं पैर का टखना पीछे की ओर से पकड़ें। घुटनों को मिलाकर रखे। अब सांस भरें और दाएं पैर को पीछे की तरफ से ऊपर उठाएं। पैर के तलवे को पीछे की ओर खींचे। संतुलन बना लें। ध्यान की मुद्रा में आकर कुछ सेकेंड रुकें। अब पूर्व अवस्था में आ जाएं।