स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ बयानबाजी करने पर पार्टी से निष्कासित की गईं पूर्व प्रवक्ता ऋचा सिंह ने अब चुनाव आयोग से न्याय की गुहार लगाते हुए सपा पर कार्रवाई करने की मांग की है। पूर्व सपा नेता ने इसके लिए चुनाव आयोग का पत्र भी लिखा है।
समाजवादी पार्टी से हाल ही में निष्कासित की गईं युवा नेत्री और इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय छात्र संघ की पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह ने पार्टी के खिलाफ कार्रवाई के लिए चुनाव आयोग से गुहार लगाई है। आयोग को मंगलवार को ई-मेल से भेजे गए पत्र में उन्होंने कहा है कि उनका निष्कासन पार्टी संविधान के अनुरूप नहीं है। पार्टी के संविधान में निष्कासन जैसी अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए तीन सदस्य कमेटी बनाने की बात है जो उनके मामले में नहीं की गई है।
क्या है पूरा मामला
रामचरितमानस को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को लेकर ऋचा सिंह ने टिप्पणी की थी। सपा नेता डा. रोली तिवारी मिश्रा ने भी इस मामले में स्वामी प्रसाद का विरोध किया था। जिसके बाद दोनों को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।
रोली तिवारी सपा की पूर्व प्रवक्ता थी। उन्होंने अपने ट्विटर पर स्वामी प्रसाद मौर्य का वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा था, स्वामी प्रसाद का कहना है कि समाजवादी पार्टी की सरकार बनी तो श्रीरामचरितमानस की चौपाइयों को प्रतिबंधित करवाएंगे।
2012 में रोटी कपड़ा सस्ती हो दवा पढ़ाई मुफ्ती हो, इस नारे के साथ अखिलेश यादव यूपी के मुख्यमंत्री बने थे। क्या ”मानस का मुद्दा” लेकर सपा फिर से सरकार बना पाएगी? इससे पहले भी कई और ट्वीट के जरिए स्वामी को घेर चुकी थीं। वहीं, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष डा. ऋचा सिंह भी लगातार स्वामी प्रसाद मौर्य पर हमला बोल रही थीं।
पूर्व मीडिया पैनलिस्ट ऋचा ने पार्टी ने पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से धार्मिक व सांप्रदायिक मुद्दों पर बहस से बचने की सलाह दी थी। रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी को लेकर स्वामी प्रसाद लगातार निशाने पर रहे थे। ऋचा प्रयागराज के शहर पश्चिमी से भाजपा के सिद्धार्थ नाथ सिंह के खिलाफ दो बार चुनाव लड़ चुकी हैं।