देहरादून: दो वर्ष पूर्व भाजपा का दामन छोड़ कांग्रेस का हाथ थामने वाले पूर्व विधायक भीमलाल आर्य पार्टी में उपेक्षा से आहत हैं। उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को पत्र लिखकर अपना दर्द कहने के साथ ही ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआइसीसी) कार्यालय में सत्याग्रह करने की भी बात कही है। 
भीम लाल आर्य पिछली विधानसभा में घनसाली सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते थे। धीरे-धीरे उन्होंने भाजपा से दूरी बनानी शुरू कर दी थी। कांग्रेस कार्यकाल में जब दूसरी बार नेतृत्व परिवर्तन हुआ तो वे तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के काफी नजदीक आ गए थे। वर्ष 2016 में राजनीतिक उथल पुथल के बाद जब कई कांग्रेसी विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे तब फ्लोर टेस्ट में भीमलाल आर्य ने कांग्रेस सरकार के समर्थन में अपना मत दिया था। इसके बाद उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया गया।
इसके बाद वे कांग्रेस में शामिल हो गए थे। वर्ष 2017 में उन्होंने विधानसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर ही लड़ा लेकिन उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा। इसके बाद से ही वे राजनीतिक परिदृश्य से गायब चल रहे थे। बीते रोज जब उत्तराखंड से प्रदेश के 51 सदस्यों को एआइसीसी में शामिल किया गया तो उसमें कई पूर्व सांसदों व विधायकों को तरजीह दी गई। इसमें भीमलाल आर्य का नाम शामिल नहीं था। रविवार को उन्होंने एक पत्र एआइसीसी अध्यक्ष को भेजा, जिसे बाद में सोशल मीडिया के माध्यम से साझा भी किया गया है
इसमें भीमलाल आर्य ने पहले एआइसीसी के लिए प्रदेश की ओर से सदस्यों की घोषणा पर बधाई दी है, साथ ही उन्होंने अपना दर्द भी उकेरा है। उन्होंने लिखा है कि उन्होंने कांग्रेस के लिए अपना सर्वस्व समर्पित किया है। आज वे कांग्रेस में घोर उपेक्षा का दंश झेल रहे हैं। वे जीवन भर कांग्रेस के सिपाही के रूप में संघर्ष करते रहेंगे। सोशल मीडिया में जारी पत्र में आगे कहा गया है कि ‘राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर एआइसीसी कार्यालय में होगा सत्याग्रह’।
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