सुप्रीम कोर्ट उन्नाव सामूहिक बलात्कार कांड की सीबीआई जांच की मांग करती याचिका पर सुनवाई को तैयार हो गया है. इस केस में अगले हफ्ते सुनवाई होगी. मामले में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर आरोपी है.
वकील मनोहर लाल शर्मा की ओर से दायर की गई अर्जी
सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को एक अर्जी दायर कर मांग की गई कि उत्तर प्रदेश में कथित तौर पर एक भाजपा विधायक और उसके सहयोगियों द्वारा एक नाबालिग लड़की से किए गए सामूहिक बलात्कार और पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामले में सीबीआई जांच कराई जाए. वकील मनोहर लाल शर्मा की ओर से दायर अर्जी में आरोप लगाया गया कि सत्ताधारी पार्टी’ के इशारे पर बलात्कार पीड़िता के पिता को पुलिस हिरासत में यातना दी गई और मार डाला गया.
सीबीआई को मामले की जांच के निर्देश दिए जाएं- वकील
शर्मा ने अपनी जनहित याचिका में मांग की कि सीबीआई को मामले की जांच के निर्देश दिए जाएं. उन्होंने यह मांग भी कि पिछले साल जुलाई में भाजपा विधायक एवं उनके सहयोगियों की ओर से नाबालिग लड़की के कथित अपहरण और बलात्कार और बीते नौ अप्रैल को उसके पिता की यातना के कारण हिरासत में हुई मौत के मामले में आईपीसी के विभिन्न प्रावधानों के तहत मुकदमा चलाया जाए.
राज्य पुलिस मजबूरी में निष्पक्ष जांच नहीं करेगी- याचिका
याचिका में कहा गया कि शिकायतकर्ता ने ‘राजनीतिक दबाव में’ विधायक का नाम नहीं बताया और राज्य पुलिस ‘मजबूरी में निष्पक्ष जांच नहीं करेगी’, लिहाजा ऐसे हालात में स्वतंत्र जांच के लिए मामला सीबीआई को सौंप दिया जाए. याचिका में आरोप लगाया गया कि पीड़िता के बयान के मुताबिक उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के
याचिका में मांग, पीड़िता को मुआवजा दिया जाए
बंगड़मऊ क्षेत्र से भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पिछले साल जुलाई में उससे हुए बलात्कार और उसके पिता की हिरासत में हुई मौत के मामले में मुख्य आरोपी हैं. जनहित याचिका में मांग की गई कि निर्भया सामूहिक बलात्कार केस में दिए गए मुआवजे की तरह इस मामले में भी पीड़िता को मुआवजा दिया जाए और उसे संरक्षण प्रदान किया जाए.