उत्‍तर प्रदेश के इस शहर में आते है सबसे ज्‍यादा विदेशी पर्यटक

अभी तक वाराणसी और हरिद्वार को ही मंदिरों के शहर के रूप में माना जाता रहा है, लेकिन अब कुशीनगर की पहचान भी विदेशी मंदिरों के शहर के रूप में होने लगी है. लगभग पांच वर्ग किलोमीटर में फैले कुशीनगर में एक दो नहीं बल्कि एक दर्जन से ज्यादा विदेशी मंदिर हैं.

उत्‍तर प्रदेश के इस शहर में आते है सबसे ज्‍यादा विदेशी पर्यटककुशीनगर में थाईलैंड, चाइना, वियतनाम, जापान, कोरिया, श्रीलंका, कम्बोडिया, तिब्बत, वर्मा आदि देशों के मंदिर स्थापित हैं जो अपने देश की स्थापत्य कला का बेहतरीन नमूना हैं. बौद्ध धर्म को मानने वाले कई देश कुशीनगर में अपने मंदिरों और मठों की स्थापना करा रहे हैं.

 ये विदेशी मंदिर इतने सुंदर बनाए गए हैं कि हर कोई इनकी ओर आकर्षित हो जाता है. कुशीनगर में भगवान बुद्ध ने निर्वाण को प्राप्त किया था, जिससे बौद्ध धर्म को मानने वाले देशों में कुशीनगर को श्रद्धा के भाव से देखा जाता है.
 विदेशों से आने वाले बौद्ध उपासक बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति और प्रथम उपदेश स्थल का भ्रमण करने के बाद बुद्ध के परिनिर्वाण स्थल कुशीनगर आते हैं, जहां आने के बाद उनकी यात्रा पूरी मानी जाती है.

#बड़ी खबर: अब पाकिस्तान भी दिखा रहा अपना, अभी-अभी किया मिसाइल टेस्ट, देखें विडियो!

कुशीनगर के महत्व को देखते हुए ही बौद्ध धर्म को मानने वाले सभी देशों ने अपने-अपने देशों का मठों और मंदिरों का निर्माण कराया है, जिसके चलते आज कुशीनगर विदेशी मंदिरों के शहर के नाम से विख्यात हो रहा है. यह मंदिर अपने देश की स्थापत्य कला को दर्शाने के साथ ही सांस्कृतिक झलक भी प्रस्तुत करते हैं.

विभिन्न देशों के मंदिर होने से कुशीनगर आने वाले विदेशी श्रद्धालु भी एक दूसरे देशों की संस्कृति से रूबरू होते हैं. कुशीनगर में थाईलैंड, चीन, जापान, कोरिया, श्रीलंका, कम्बोडिया, तिब्बत, वर्मा, सहित लगभग एक दर्जन से अधिक देशों के मंदिर स्थापित हैं जो अपने-अपने देशों की कला और संस्कृति को प्रदर्शित कर रहे हैं.

 

 

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com