न्यूजीलैंड में 102 दिनों तक कम्युनिटी ट्रांसमिशन का कोई नया मामला नहीं आया. 102 दिनों तक कोरोना से दूर रहने के बाद न्यूजीलैंड में एक बार फिर संक्रमण का मामला आया है. एक केस सामने आते ही पूरे देश में एक बार फिर सख्त लॉकडाउन लागू कर दिया गया. इसके साथ ही संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले सभी लोगों को भी क्वॉरंटीन कर दिया है. देश में इससे पहले कम्युनिटी ट्रांसमिशन का केस 1 मई को आया था.
न्यूजीलैंड में सिर्फ 1,570 मामले
पूरी दुनिया जहां कोरोना महामारी से जूझ रही है, वहीं सिर्फ 50 लाख की आबादी वाले न्यूजीलैंड में फरवरी में पहला मामला आने के बाद से अब तक संक्रमण के 1,570 मामले सामने आए हैं. इनमें से 1526 लोग ठीक भी हो चुके हैं. हालांकि 22 लोगों की मौत हुई है. कोरोना संकट पर प्रभावी तरीके से ही कम समय में काबू पाने के लिए न्यूजीलैंड की विश्व स्वास्थ्य संगठन से लेकर कई देशों में भी तारीफ की गई थी. न्यूजीलैंड में संभली हुई स्थिति के कारण ही लोग सामान्य जीवन जी पा रहे हैं.
न्यूजीलैंड ने कैसे पाया काबू?
न्यूजीलैंड दुनिया में एक मिसाल की तरह उभर कर सामने आया है. न्यूजीलैंड सरकार ने सख्ती से लॉकडाउन लागू कर संक्रमण को पूरी तरह काबू कर लिया. विशेषज्ञों का कहना है कि देश से संक्रमण खत्म होने के पीछे कई वजहे हैं. दक्षिण प्रशांत में स्थित होने की वजह से इस देश को यह देखने का मौका मिला कि दूसरे देशों में यह संक्रमण कैसे फैला और अर्डर्न ने तेजी से कदम उठाते हुए देश में संक्रमण की शुरुआत में ही लॉकडाउन के कड़े नियम लागू किए और देश की सीमाओं को भी बंद कर दिया.
28 फरवरी को यहां पहला कोरोना मरीज सामने आया था. 18 मार्च से अचानक संक्रमितों की संख्या बढ़ने लगी थी. इसके बाद 19 मार्च को पीएम ने देश में विदेशियों की एंट्री बैन कर दी थी. 23 मार्च को लॉकडाउन का ऐलान हुआ, जिसका सख्ती से पालन हुआ. फिर 15 अप्रैल से कम मामले सामने आने लगे.