उत्तराखंड में वर्ष 2017 में हुए चुनावों में बीजेपी ने प्रचंड बहुमत हासिल किया था जिसके बाद आज ही के दिन यानी 18 मार्च को त्रिवेंद्र सिंह रावत को उत्तराखंड की कमान सौंपी गई थी. गौरतलब है कि भ्रष्टाचार के नाम पर प्रदेश में काबिज सरकार ने निरंकुश होती व्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश की है. लेकिन इसके अलावा भी बहुत से ऐसे मुद्दे हैं जिन पर त्रिवेंद्र सिंह रावत को काम करने की जरूरत है.अपने एक वर्ष के कार्यकाल के पूरा होने पर करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आते ही हमने भ्रष्टाचार पर नकेल कसी है और बेलगाम होते माफिया राज को खत्म किया है. उन्होंने कहा कि हमने जो वादा किया है वो पूरा किया है. साथ ही आने वाले चार वर्षों की रूपरेखा भी अभी से तैयार कर ली है.
उन्होंने कहा कि महिलाएं कैसे सशक्त हो सकती हैं, कैसे उनको आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है उस पर बहुत तेजी से हमने काम किया है. उद्योग पर काम किया है, स्टार्टअप में भी बहुत से नौजवानों ने कदम आगे बढ़ाया है. 1100 से अधिक डॉक्टर्स की भर्ती कर स्वास्थ्य से संबंधित चुनौती से पार पाया गया है.
उन्होंने कहा कि वो स्वास्थ्य संबंधित गंभीर बीमारियों को लेकर थोड़े विचलित हैं. उनकी मानें तो हमारे सुपर स्पेशलिस्ट पहाड़ों पर टिक नहीं पाते, उसपर भी काम किया जा रहा है कि वो यहां टिक पाएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने अपने अस्पतालों को दुरुस्त किया है.
सवाल इनके अलावा भी बहुत हैं क्योंकि राज्य बनने से लेकर अब तक उत्तराखंड राज्य पर अभी तक लगभग 41,000 करोड़ का कर्ज है और इसके अलावा खुद त्रिवेंद्र सरकार भी 6,100 करोड़ का कर्ज अपने एक साल के कार्यकाल में ले चुकी है. इन विपदाओं से निपटा जाए इस पर सरकार को अभी काम करने की जरूरत है.