उत्तराखंड में LPG सिलेंडर ब्लास्ट से एक घर में आग लग गई, जिसमें सगी बहनों समेत चार बच्चियों की जिंदा जलकर दर्दनाक मौत हो गई। देहरादून जिले के पछवादून में इस दर्दनाक घटना के बाद लोगों में भारी आक्रोश है। प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करते हुए आक्रोशित ग्रामीणों ने शुक्रवार सुबह भी सड़क पर प्रदर्शन किया।
देहरादून डीएम सोनिका समेत कई आला अधिकारियों ने घटनास्थल का दौरा किया। जानिए इस पूरी खबर में कि सिलेंडर गैस लीक होने पर क्या करें और LPG सिलेंडर हादसे में मुआवजे की पूरी प्रक्रिया क्या होती है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरकार द्वारा मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख सहायता राशि देने की घोषणा की है। 2005 में हुए अग्निकांड में जल गए ढ़ाई सौ मकान जल गए थे वर्ष 2005 में हुए भीषण अग्निकांड में त्यूणी बाजार में 250 मकान जल कर खाक हो गए थे। इस अग्निकांड से तकरीबन पूरा त्यूणी बाजार खंडहर में तब्दील हो गया था। इसके बाद 2011 में दूसरा अग्निकांड हुआ जिसमें भी बहुत बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ। जानलेवा लापरवाही! आधा किमी दूरी से आधे घंटे में बिना पानी पहुंची फायर बिग्रेड की गाड़ी घटनास्थल से महज आधा किमी दूर स्थित फायर स्टेशन से दमकल की गाड़ी पहुंचने में आधा घंटे का समय लग गया। लापरवाही का आलम देखिए, पहले तो कर्मचारियों ने गाड़ी में पाइप फिट करने में ही समय लगा दिया, फिर पानी बौछार छोड़ने के साथ ही खत्म हो गया। लोगों का आरोप है कि फायर बिग्रेड की गाड़ी में पानी नाममात्र का था। गाड़ी जब तक दोबारा पानी लेकर आती तब तक बहुत देर हो चुकी थी। अग्निकांड में चार मासूमों के जिंदा जलने की घटना के रेस्क्यू कार्य में फायर ब्रिगेड की बड़ी लापरवाही भी सामने आ रही है। शाम चार बजे मकान में सिलेंडर फटने से आग लगी। स्थानीय लोगों का आरोप है कि आग लगने के आधा घंटे बाद फायर ब्रिगेड का वाहन पहुंचा, लेकिन उसमें भी पानी नाममात्र था। ग्रामीणों ने खुद पाइपों से पानी डालकर आग पर काबू पाने की कोशिश की। जहां अग्निकांड हुआ, उससे आधा किमी की दूरी पर ही फायर ब्रिगेड का वाहन खड़ा था, लेकिन घटनास्थल तक पहुंचने में वाहन को आधा घंटा लग गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि वाहन के पहुंचने के बाद भी अग्निशमन कर्मी पाइप की नोजल नहीं फिट कर पाए, जिससे पानी की बौछार शुरू नहीं हुई। घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने किसी तरह नोजल फिट की, लेकिन जरा देर में दमकल की गाड़ी का पानी समाप्त हो गया, जबकि इस वाहन की क्षमता 2400 लीटर की है। घटनास्थल पर मौजूद लोगों का कहना था कि फायर ब्रिगेड लापरवाही नहीं करता तो चार मासूमों की जान बच सकती थी। त्यूणी में तैनात फायर ब्रिगेड के वाहन में पानी समाप्त होने पर स्थानीय लोगों ने उत्तरकाशी के मोरी और हिमाचल प्रदेश के रोहड़ू में सूचना दी, जिसके बाद वहां से फायर ब्रिगेड के वाहन घटनास्थल पर पहुंचे। दोनों वाहनों के पहुंचने के बाद मझोग से पानी भरकर त्यूणी फायर ब्रिगेड का वाहन भी पहुंच गया, लेकिन तब तक आग ने इतना विकराल रूप ले लिया था कि आग पर नियंत्रण पाने में घंटों लग गए। गैस लीक की स्थिति में क्या करें – रसोई घर में वेंटिलेशन का पूरा ध्यान रखें। – गैस लीक होने की गंद आ रही हो तो घबराए नहीं बल्कि धैर्य चैक करें। – गैस लीक के दौरान किसी भी इलेक्ट्रिक बटन को ऑन न करें। – गैस सिलेंडर का रेगुलेटर ऑफ कर दें। – संभव हो तो रेगुलेटर को बाहर निकाल लें। – इमरजेंसी नंबर और एलपीजी सिलेंडर सप्लायर को तत्काल सूचित करें। हादसे के बाद मुआवजे की प्रक्रिया – एजेंसी की ओर से प्रत्येक ग्राहक का 10 लाख रुपये थर्ड पार्टी इंश्योरेंस होता है। – कंपनी की कमी से यदि हादसा हुआ हो तो कंपनी जांच के बाद क्लेम देगी। – एलपीजी के वैध कनेक्शन पर मिलता है वीमा कवर – ग्राहक को नहीं चुकानी होता है कोई प्रीमियम – डिस्ट्रीब्यूटर को देनी होती है हादसे की पूरी जानकारी हादसों के कारण – सिलेंडर और चूल्हे पर लगी रबर ट्यूब् का पुराना होना। – आईएसआई मार्क की रबर ड्यूब न होना। – चूल्हे के बटन खुले छोड़ देना। – सिलेंडर का अधिक पुराना होना। आग लगने की सूचना पर देहरादून से दौड़े अफसर विकासनगर। त्यूणी में लकड़ी से बने भवन में आग लगने की सूचना मिलते ही अफसरों में हड़कंप मच गया। शुक्रवार, शनिवार और रविवार की छुट्टी होने के चलते त्यूणी, विकास नगर क्षेत्र में तैनात अधिकांश प्रशासनिक और पुलिस के अफसर देहरादून पहुंचे हुए थे। आग के भयावह रूप और स्थानीय लोगों के आक्रोश का पता लगा तो यहां से रात को अफसर मौके के लिए दौड़े। एसपी देहात कमलेश उपाध्याय, सीओ विकासनगर भास्कर लाल शाह, मुख्य अग्निशमन अधिकारी भी देर रात तक रास्ते में थे। उन्होंने बताया कि वह मौके पर पहुंचकर घटना की अपडेट लेंगे। उधर, स्थानीय तहसील प्रशासन के अफसरों पर भी समय पर मौके पर ना पहुंचने को लेकर सवाल उठे। दमकल के ड्राइवर का मेडिकल कराने पर अड़े लोगों ने दमकल विभाग के कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया। इस दौरान दमकल के ड्राइवर के रवैये पर संदेह जताते हुए उसका मेडिकल कराने की मांग उठाई। लोगों का आरोप था कि लापरवाह कर्मचारियों की मेडिकल जांच कराई जाए। इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। उधर, मुख्य अग्निशमन अधिकारी आरएस खाती ने बताया कि फायर टीम ने आग बुझाने की कोशिश की। वाहनों में पानी खत्म होने पर 10 किमी दूर से पानी लाया गया। दो फायर टेंडर पानी भरने जा रहे थे तो लोगों ने रोक लिया।