देहरादून, उत्तराखंड में मानसून की बारिश के कारण उपजी दुश्वारियां कम नहीं हो रही हैं। यहां पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन का सिलसिला जारी है। मलारी हाईवे पांच दिन से बंद होने के कारण राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) वैकल्पिक मार्ग तैयार कर रहा है। साथ ही हाईवे में फंसे नागरिकों को निकालने का कार्य भी जारी है। इधर, मौसम विभाग ने प्रदेश में कहीं-कहीं तेज बौछारों के साथ ही भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। वहीं, पहाड़ों में आकाशीय बिजली चमकने की भी आशंका है। बारिश को लेकर मौसम विभाग ने आरेंज अलर्ट जारी किया है।
बुधवार को जोशीमठ-मलारी हाईवे पांचवें दिन भी नहीं खुल पाने के चलते अब एसडीआरएफ वैकल्पिक पैदल रास्ता बना रही है। हाईवे बंद होने के कारण फंसे नागरिकों को धौलीगंगा में बोट के जरिये निकालकर फिर पैदल मार्ग से निकालने का प्रयास किया जा रहा है। जोशीमठ-मलारी हाईवे पर तमक के पास मरखुड़ा में बीते नौ दिनों से लगातार पहाड़ी दरकने का सिलसिला जारी है। यह मार्ग चीन सीमा से लगा होने के चलते सामरिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है। कुछ दिन पहले भूस्खलन के बाद बीआरओ ने सड़क खोल कर आवाजाही सुचारू करा दी थी। लेकिन, पांच दिन पहले फिर से भूस्खलन शुरू हो गया, जो लगातार जारी है। राजमार्ग बंद होने से भारत-चीन सीमा पर सेना और आइटीबीपी के साथ ही 12 सीमांत गांवों में आवाजाही ठप है। ऐसे में प्रशासन के सामने हाईवे पर फंसे नागरिकों को निकालने की चुनौती है। फंसे नागरिकों को निकालने के लिए सेना के हेलीकाप्टर की मदद लेने पर भी विचार किया जा रहा है।
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार अगले दो दिन प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में भारी बारिश हो सकती है। इसमें देहरादून-नैनीताल के साथ ही कई पहाड़ी जिलों में भी तेज बौछारें और भारी बारिश की आशंका है। जिसके चलते मौसम विभाग ने सभी जिला प्रशासन को सतर्क रहने की सलाह दी है।
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