देहरादून: प्रदेश में बिजली की किल्लत हो गई है। इसके चलते हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर में दो से तीन घंटे की कटौती करनी पड़ रही है। भले ही ऊर्जा निगम इससे इंकार कर रहा हो, लेकिन देहरादून समेत अन्य क्षेत्र भी अघोषित कटौती से अछूते नहीं हैं। दरअसल, पश्चिमी ग्रिड में व्यवधान के चलते इंडियन एनर्जी एक्सचेंज को गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश के उत्पादकों से बिजली नहीं मिल पा रही है। जिसके चलते बाजार में बिजली के दाम बढ़ गए हैं। ऊर्जा निगम पिछले दो दिन से टेंडर के माध्यम से एक्सचेंज से बिजली लेने के लिए दरें प्रस्तावित कर रहा है, लेकिन दरें उससे अधिक पहुंच रही हैं। इस कारण बिजली की कमी है। 
सूत्रों के मुताबिक 12 मई के बाद ही स्थिति सामान्य होगी। बुधवार को राज्य की बिजली मांग 39.70 मिलियन यूनिट (एमयू) रही और तमाम स्रोतों से 37.77 एमयू बिजली ही मिली। जिसके चलते कटौती करनी पड़ी। बाजार से 5.77 एमयू बिजली खरीदी थी, लेकिन करीब साढ़े तीन एमयू बिजली ही मिली। यही स्थिति गुरुवार को भी रही। ऊर्जा निगम के मुख्य अभियंता एवं प्रवक्ता एके सिंह ने बताया कि बाजार की स्थिति को देखते हुए बिजली खरीदी जाएगी। पूरा प्रयास किया जा रहा है कि प्रदेश में कहीं भी कटौती न हो।
यूजेवीएनएल से 12 एमयू बिजली मिली उत्तराखंड जलविद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) की परियोजनाओं से बुधवार को करीब 13 एमयू बिजली उत्पादन हुआ। लेकिन हिमाचल का हिस्सा काटने के बाद करीब 12 एमयू बिजली मिली। गैस आधारित परियोजनाओं से सात, सोलर प्लांट से 0.72 और केंद्रीय पूल से करीब 14 एमयू बिजली प्राप्त हुई।
बिजली चोरी के चार मामले पकड़े
ऊर्जा निगम की सतर्कता इकाई ने विकासनगर क्षेत्र में बिजली चोरी के खिलाफ अभियान चलाया। इसमें चार मामले पकड़ में आए और उक्त उपभोक्ताओं के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की गई।
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