देहरादून: उत्तराखंड बोर्ड की हाईस्कूल और इंटर की प्रयोगात्मक परीक्षा को परीक्षकों के केंद्रों पर गए बगैर ही संपन्न कराने की शिकायतों पर सरकार सख्त हो गई है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने जिलाधिकारियों को परीक्षकों के मोबाइल सर्विलांस लगाकर सही स्थिति सामने लाने के निर्देश दिए हैं। परीक्षा में अनियमितता मिलने पर संबंधित परीक्षकों पर गाज गिरना तय है। वहीं कक्ष निरीक्षक परीक्षा अवधि में मोबाइल साथ नहीं रख सकेंगे।
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जिलों में जिलाधिकारियों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक व जिलास्तरीय विभागीय अधिकारियों को बोर्ड परीक्षाओं को नकलमुक्त, निष्पक्षता और शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के निर्देश दिए। इस मौके पर शिक्षा मंत्री ने बोर्ड की प्रयोगात्मक परीक्षाओं को लेकर बरती जा रही लापरवाही पर कड़ा रुख अपनाया। परीक्षकों के परीक्षा केंद्रों पर पहुंचे बगैर ही परीक्षा संपन्न कराने के मामलों की जांच का जिम्मा जिलाधिकारियों के सुपुर्द किया गया है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि मोबाइल सर्विलांस के जरिये यह परीक्षक की तय तिथि पर केंद्र पर मौजूदगी का पता लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रयोगात्मक परीक्षा को केंद्रों पर जाकर ही संपन्न कराया जाना चाहिए। परीक्षा में ऐसी किसी भी प्रकार की अनियमितता मिली तो संबंधित परीक्षक पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। गौरतलब है कि इस बार प्रदेश की भाजपा सरकार ने बोर्ड परीक्षा की शुचिता के तहत परीक्षा केंद्रों पर नकल रोकने और केंद्रों के बाहर प्रश्नपत्रों के आउट होने के मामलों के लिए जिला प्रशासन की जवाबदेही तय की है।
शिक्षा मंत्री ने जिलाधिकारियों व पुलिस अधीक्षकों को प्रश्नपत्रों की सुरक्षा के लिए उन्हें डबल लॉक में सुरक्षित रखने की व्यवस्था कराने, 10 से 12 विद्यालयों पर एक सेक्टर बनाकर सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने शिक्षा सचिव को सामूहिक नकल की पृष्ठभूमि वाले परीक्षा केंद्रों की सूची जिलाधिकारियों को देने के निर्देश भी दिए। प्रश्नपत्रेां की सुरक्षा के लिए केंद्रों पर प्रशिक्षित होमगार्ड की व्यवस्था की जाएगी। राज्य व मंडल स्तर पर परीक्षा केंद्रों के मुआयने को गठित सचल दल के साथ दो पुलिस कर्मी व एक संब इंस्पेक्टर की तैनाती होगी।