देहरादून: उत्तराखंड में जन्म के समय लिंगानुपात की खराब स्थिति को देखते हुए अब सरकार भी सक्रिय हो गई है। केंद्र और प्रदेश सरकार के साझा प्रयास से ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाकर बेटी के जन्म को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है। इसके तहत पांच जनवरी से गीत एवं नाटक प्रभाग (सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय) की ओर से व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान शुरू किया जाएगा। जिसमें गोष्ठी और नुक्कड़ नाटक के जरिये जागरूकता की पहल की जाएगी।
शनिवार को प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में गीत एवं नाटक प्रभाग की प्रमुख (लखनऊ) डॉ. संतोष आशीष ने बताया कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के तहत जागरूकता अभियान शुरू किया जा रहा है। जिसके तहत जन्म के समय कम लिंगानुपात दर वाले जनपदों में अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जाएगा।
इन जनपदों में नुक्कड़ नाटक और गोष्ठी के माध्यम से लोगों से बेटियों को बचाने का आह्वान किया जाएगा। बताया कि इस कड़ी में पांच और छह मार्च को अभियान की औपचारिक शुरुआत की जाएगी। इसमें राज्यपाल डॉ. केके पाल के हाथों प्रतिभाशाली बेटियों को सम्मानित किया जाएगा। बताया कि हाल ही में नीति आयोग की ओर से जारी रिपोर्ट में उत्तराखंड की स्थिति जन्म के समय लिंगानुपात दर में बेहद खराब थी।
रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में जन्म के समय लिंगानुपात 844 पाई गई है। जिसे देखते हुए अभियान चलाने की आवश्यकता महसूस हुई है। अभियान का मकसद लोगों की बेटियों के प्रति संकुचित मानसिकता में बदलाव लाना है। कहा कि इसमें महिला एवं बाल विकास विभाग भी सहयोग कर रहा है।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal