देहरादून: प्रदेश में समाज कल्याण विभाग के अधिकारी ही कल्याणकारी योजनाओं को पलीता लगा रहे हैं। विभागीय मंत्री यशपाल आर्य ने समीक्षा बैठक की तो बात सामने आई कि पौड़ी के जिला समाज कल्याण अधिकारी रतन सिंह रावल ने बार-बार कहने के बावजूद स्पेशल कंपोनेंट प्लान के प्रस्ताव नहीं भेजे। जिन दो विधानसभा क्षेत्रों के प्रस्ताव भेजे भी गए, वे आधे-अधूरे हैं।
इस पर मंत्री आर्य ने कड़ा रुख अपनाते हुए रावल को निलंबित करने के निर्देश दिए। साथ ही कमजोर प्रदर्शन वाले अधिकारियों और समाज कल्याण निदेशालय को कार्यशैली में सुधार लाने को 31 मार्च तक का अल्टीमेटम भी दिया। समाज कल्याण विभाग की समीक्षा के दौरान संतोषजनक प्रगति न होने पर मंत्री यशपाल आर्य ने नाराजगी जताई। स्पेशल कंपोनेंट प्लान की समीक्षा में बात सामने आई कि जनपदों से स्वीकृत होकर शासन को जो सूची भेजी गई है, वह अपूर्ण है।
बात सामने आई कि पौड़ी के जिला समाज कल्याण अधिकारी को मंत्री के साथ ही डीएम भी कई बार प्रस्ताव भेजने को कह चुके हैं। बावजूद वे इसमें बेपरवाही बरत रहे हैं। छह विधानसभा क्षेत्रों में से सिर्फ दो के ही प्रस्ताव भेजे गए और वे भी अधूरे। इस पर मंत्री ने जिला समाज कल्याण अधिकारी पौड़ी को निलंबित करने के निर्देश जारी कर दिए।
उन्होंने स्पेशल कंपोनेंट प्लान की सूची को दुरुस्त कर शासन को भेजने को कहा, ताकि इनके मंजूर होने पर गांवों में अवस्थापना विकास के कार्य हो सकें। उन्होंने कमजोर प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को चेतावनी भी दी। साथ ही निदेशालय को भी सजग होकर कार्य करने और कार्यशैली में बदलाव के निर्देश भी दिए। इसके लिए 31 मार्च तक का समय दिया गया।
उन्होंने समाज कल्याण की योजनाओं के लिए विधानसभावार बहुद्देश्यीय शिविर लगाने और इसे खुली बैठक मानते हुए पेंशन स्वीकृत करने, विभागीय उपलब्धियों व प्रगति की जानकारी देने को बुकलेट तैयार करने के निर्देश भी दिए। एससी-एसटी के युवाओं को निशुल्क कोचिंग का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए केंद्र से बजट की मांग की जाएगी। बैठक में अपर मुख्य सचिव रणवीर सिंह, अपर सचिव समाज कल्याण रामविलास यादव, निदेशक समाज कल्याण योगेंद्र यादव आदि मौजूद थे।