उत्तराखंड के इस जगह में खेली गई आटे की होली, ग्रामीणों ने की रिंगाली देवी की पूजा
उत्तराखंड के इस जगह में खेली गई आटे की होली, ग्रामीणों ने की रिंगाली देवी की पूजा

उत्तराखंड के इस जगह में खेली गई आटे की होली, ग्रामीणों ने की रिंगाली देवी की पूजा

उत्तरकाशी: जिले में डुंडा ब्लॉक के वीरपुर में जाड़ भोटिया समुदाय के लोगों ने लोसर पर्व धूमधाम से मनाया। लोसर का त्योहार बौद्ध पंचांग के अनुसार नए साल के आगाज के रूप में मनाते हैं। इसके तहत आटे की होली खेली गई और विधि विधान से ग्रामीणों ने रिंगाली देवी की पूजा अर्चना की। उत्तराखंड के इस जगह में खेली गई आटे की होली, ग्रामीणों ने की रिंगाली देवी की पूजा

प्रत्येक बौध पंचांग के अनुसार नए वर्ष के रूप में शुरू होने वाले जाड़ भोटिया समुदाय के लोगों का लोसर त्योहार नए वर्ष के रूप में मनाया जाता है। इस दौरान एक दूसरे को नए साल की शुभकानाएं देते हैं।  यहां बड़े उल्लास व उत्सव के साथ वीरपुर में जाड़ भोटिया समुदाय 300 परिवारों ने आटे की होली का पर्व मनाया। इस होली में इन ग्रामीणों ने एक दूसरे को पहले आटे का टीका लगाया। इसके बाद आटे की होली खेली। यह होली खुशहाली, लंबी उम्र के लिए मनाई जाती है। 

इस दौरान भोटिया व जाड़ समुदाय के लोग अपनी पारंपरिक वेशभूषा एवं आभूषणों से बच्चों सहित महिलाएं सज-धज कर रिंगाली देवी के मंदिर में पहुंचे। जहां मेले में प्रतिभाग किया। साथ ही लोक नृत्य भी किया। इस दौरान क्षेत्र की खुशहाली एवं सुख समृद्धि के लिए रिंगाली देवी के मंदिर में प्रार्थना की। 

साथ ही ढोल दमाऊ के साथ पारंपरिक बाध्य यंत्रों के साथ ही पारंपरिक वेशभूषा एवं गहनों से सज-धज कर नृत्य किया। हैं। बगोरी गांव के प्रधान भवान सिंह राणा का कहना है कि लोसर को मनाने की यह पौराणिक परंपरा है, जो आज भी निरंतर जारी है। उनका प्रयास है कि यह परंपरा आगे भी जारी रहे और इस पौराणिक एवं अनूठी संस्कृति को जीवंत बनाए रखने के साथ-साथ अपनी आने वाली पीढ़ी को भी इसे सौंप सकें।

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