उत्तराखंड की स्वास्थ्य सुविधाएं आज भी चल रही है केंद्र के सहारे
उत्तराखंड की स्वास्थ्य सुविधाएं आज भी चल रही है केंद्र के सहारे

उत्तराखंड की स्वास्थ्य सुविधाएं आज भी चल रही है केंद्र के सहारे

देहरादून: भले ही स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर प्रदेश में अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना की गई है, लेकिन चिकित्सकों के अभाव में ये स्वास्थ्य केंद्र शोपीस बने हुए हैं। स्थिति यह है कि प्रदेश में अभी स्वीकृत पदों के सापेक्ष आधे से भी कम चिकित्सक उपलब्ध हैं। भारी भरकम पैकेज की मांग के कारण विशेषज्ञ चिकित्सकों को रखना एक बड़ी चुनौती है। पर्वतीय क्षेत्रों में आपात स्थिति के लिए हेली एंबुलेंस एक सपना बना हुआ है। अब केंद्रीय बजट आने को है, ऐसे में प्रदेश सरकार को उम्मीद है कि आगामी बजट में केंद्र सरकार ऐसे प्रावधान करेगी जिससे प्रदेश की यह दिक्कतें दूर हो सके। उत्तराखंड की स्वास्थ्य सुविधाएं आज भी चल रही है केंद्र के सहारे

उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाएं पटरी से उतरी हुई हैं। राज्य गठन के बाद अभी तक प्रदेश में आई सरकारें स्वास्थ्य सेवाएं दुरुस्त करने में नाकाम रहीं हैं। इतना ही नहीं सभी सरकारों ने इस बात को स्वीकार भी किया है कि पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराना सबसे बड़ी चुनौती है। आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रदेश में संयुक्त अस्पताल, जिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी और उपकेंद्र मिलाकर कुल 2109 स्वास्थ्य यूनिट हैं। इनके लिए अभी 2715 पद सृजित हैं। इनके सापेक्ष केवल एक हजार पदों पर ही चिकित्सक तैनात हैं। शेष 1611 पद खाली चल रहे हैं। 

हालांकि, विभाग की ओर से अभी 712 पदों पर परीक्षा कराई गई है और दंत चिकित्सक के 159 पद भरे हैं। इनकी तैनाती में अभी समय लगेगा। सबसे बड़ी समस्या प्रदेश में विशेषज्ञ चिकित्सकों को लेकर है। इस समय प्रदेश विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी से जूझ रहा है। विशेषज्ञ चिकित्सकों के स्वीकृत 1268 पदों में महज 385 ही कार्यरत हैं।

विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती में सबसे बड़ा पेंच इनके वेतन का है। दरअसल, प्रदेश सरकार आर्थिक हालात के कारण विशेषज्ञ चिकित्सकों को आकर्षित करने के लिए लुभावना पैकेज देने की स्थिति में नहीं है। इसके लिए सरकार ने सेना के सेवानिवृत चिकित्सकों को लेने की प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन मानदेय नियत न होने के कारण संबंधित पत्रावली अभी लंबित ही चल रही है। 

केंद्र से उम्मीदें 

हेली एंबुलेंस: पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने के लिए प्रदेश सरकार ने हेली एंबुलेंस चलाने की योजना बनाई है। भाजपा के चुनावी घोषणापत्र में भी इसका जिक्र है। इसे लेकर अब प्रदेश सरकार केंद्र के सामने दस्तक भी दे चुका है। 

विशेषज्ञ चिकित्सकों के मानदेय की प्रतिपूर्ति: प्रदेश सरकार विशेष चिकित्सक तो चाह रही है लेकिन इनका वेतन भुगतान खासा महंगा साबित हो सकता है। ऐसे में प्रदेश की मंशा यह है कि किसी तरह केंद्र सरकार विशेषज्ञ चिकित्सकों को दिए जाने वाले मानदेय की प्रतिपूर्ति कर दे। 

सेंटर फॉर डायग्नॉस्टिक सर्विसेज

सरकार प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए टेलीमेडिसन सर्विस शुरू करने का जा रही है। इसके लिए बकायदा एक कंपनी से एमओयू भी हो गया है। इसमें पर्वतीय क्षेत्र के अस्पतालों को बड़े अस्पतालों से ऑनलाइन जोड़ा जाना है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने केंद्र से मांग भी की है। 

उत्तराखंड में स्वास्थ्य यूनिटों की स्थिति 

जिला अस्पताल – 12 

संयुक्त चिकित्सालय – 15 

जिला महिला अस्पताल – 06 

बेस अस्पताल  – 03 

मानसिक चिकित्सालय- 01 

क्षय रोग चिकित्सालय – 13 

सीएचसी – 55 

पीएचसी – 239 

उपकेंद्र – 1765 

प्रदेश में चिकित्सकों की स्थिति 

जिला           स्वीकृत पद   तैनाती 

उत्तरकाशी      65             49 

टिहरी            105            84 

रूद्रप्रयाग        31              23 

चमोली           79             68 

पौड़ी              159           117 

देहरादून         164           100 

हरिद्वार         106           73 

बागेश्वर          47             36 

चंपावत           48             35 

पिथौरागढ़        62            40 

अल्मोड़ा          112           76 

नैनीताल          148           98 

यूएस नगर        101          74 

स्वास्थ्य सचिव नितेश झा ने बताया कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। इसके लिए चिकित्सकों के पद भरे जा रहे हैं। उम्मीद है कि केंद्र हेली एंबुलेंस, विशेषज्ञ चिकित्सकों के मानदेय की प्रतिपूर्ति और चिकित्सालयों के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने में सहयोग करेगा।

 

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com