देहरादून: प्रदेश की स्टार्ट अप नीति बन चुकी है। साथ ही 60 स्टार्ट अप शुरू हो गए हैं। इनसे 400 लोगों को रोजगार मिला है। अब जल्द ही स्टार्ट अप काउंसिल का गठन किया जाएगा। सचिवालय में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में इन्वेस्ट इंडिया की बैठक हुई। बैठक में बताया गया कि राज्य में उद्यमिता की संस्कृति विकसित करने को स्टार्ट अप योजना प्रारंभ की गई है। राज्य में हेल्थ केयर, आयुर्वेद, ट्रेवल व टूरिज्म, कृषि और सौर ऊर्जा में अपार संभावनाएं हैं।
उद्यम के नए विचार को प्रोत्साहित करने के लिए स्टार्ट अप में दस हजार रुपये मासिक, पांच लाख रुपये उत्पाद विकसित करने के लिए और पांच लाख रुपये जरूरत के मुताबिक सहायता के रूप में दिए जाते हैं। इनक्यूबेटर को एक करोड़ रुपये एकमुश्त, दो लाख रुपये रनिंग कॉस्ट और दो लाख रुपये मैचिंग ग्रांट दिया जाता है।
बैठक में बताया गया कि इन्क्यूबेशन सेंटर की स्थापना हो गई है। दो इनक्यूबेटर कार्यरत हैं। मुख्य सचिव ने उद्यमिता को बढ़ावा देने को विशेषज्ञों का एक कोर ग्रुप बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य के प्रमुख त्योहारों में भी स्टार्ट अप की जानकारी दी जाए और उत्पादों को प्रदर्शित किया जाए।
यह भी बताया गया कि इन्वेस्ट इंडिया राज्य में दो से 27 अप्रैल तक सभी जिलों में एक दिन का वर्कशॉप करेगा। प्रमुख शिक्षण संस्थाओं में बूट कैंप भी किया जाएगा। इसके तहत विद्यार्थियों से उद्यम के क्षेत्र में 30 से 40 नए विचारों को शामिल किया जाएगा। इससे लगभग 4000 उद्यर्मी प्रभावित होंगे। वर्कशॉप के अंत में विद्यार्थियों को पुरस्कार दिए जाएंगे। बैठक में उद्योग प्रमुख सचवि मनीषा पंवार, शिक्षा सचिव डॉ भूपिंदर कौर औलख, आइटी सचिव रविनाथ रमन, सिडकुल एमडी सौजन्या, इनवेस्ट इंडिया के उत्कर्ष सहित कइ्र वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
एलईडी उत्पादन से रोजगार
महिला स्वयंसहायता समूहों और आइटीआइ पास तकनीशियन व डिप्लोमाधारक युवाओं को अब एलईडी लाइट का प्रशिक्षण दिया जाएगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत रायपुर ब्लॉक के थानो ग्राम में ग्राम लाइट उत्पादन पांच दिनी प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे। सरकार ने ग्राम लाइट ब्रांड के तहत एलईडी झूमर, एलईडी बल्ब व ट्यूबलाईट, सोलर इमरजेंसी लाइन व एलईडी ट्यूब लाइट व सोलर इमरजेंसी लाइट आदि उत्पादों के निर्माण व असेंबलिंग के प्रशिक्षण की व्यवस्था की है। प्रशिक्षण के दौरान कच्चे माल की व्यवस्था संबंधित प्रशिक्षणप्रदाता फर्म करेगी। प्रत्येक प्रशिक्षण कार्यक्रम में 50 प्रशिक्षणार्थियों के समूहों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।