देवभूमि उत्तराखंड की मातृशक्ति भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या में रामलीला मंचन से धन्य हो गई है। 11 दिवसीय रामलीला में प्रदेश के 13 जनपों की 50 महिलाओं ने श्रीराम, सीता, लक्ष्मण सहित अन्य भूमिकाएं निभाईं। कहा कि अयोध्या में मिले स्नेह, अपनत्व व सम्मान के साथ ही इस अवसर को वह कभी नहीं भूल पाएंगी। यह, उनका सौभाग्य है कि अयोध्या में उन्हें रामलीला में अभिनय का मौका मिला, जीवन का सबसे बड़ा पुण्य है।
मां नंदा महिला रामलीला मांगल योग समिति के बैनर तले महिला पतंजलि समिति योग के साथ देवभूमि उत्तराखंड की महिलाओं ने बीते 2 जनवरी से अयोध्या शोध संस्थान, तुलसी भवन श्रीराम मंदिर के समीप रामलीला शुरू की थी। 12 जनवरी को श्रीराम के राज्यभिषेक के साथ ही रामलीला संपन्न हो गई।
उत्तराखंड का मान भी बढ़ा
11 दिनों तक रामलीला में अयोध्या में पहाड़ की मातृशक्ति के अभिनय को देखने के लिए रामभक्तों की खूब भीड़ उमड़ी रही। रामलीला में अभिनय करने वाली महिलाओं में नौकरीपेशा के साथ ही ज्यादातर खेतीबाड़ी, पशुपालन से जुड़ी थी। लेकिन सबसे खास यह रहा कि इनमें अधिकांश पहली बार अयोध्या गईं और रामलला की भूमि पर अपने कौशल की छाप छोड़कर आ गईं, जिससे उत्तराखंड का मान भी बढ़ गया।
देवभूमि उत्तराखंड की रामलीला को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी खूब सराहना मिली। वह, स्वयं 8 जनवरी को बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने सभी महिलाओं से बातचीत करते हुए उन्हें कौशल की सराहना करते हुए उनहें बधाई भी दी।
बोली महिलाएं
राम की भूमि में राम का अभिनय करना मेरे जीवन का सबसे बड़ा पुण्य है। जीवन में कभी सोचा नहीं था कि जिस वर्ष रामलला अपने घर में विराजमान होंगे, उनके आंगन में मुझे उनकी भूमिका निभाने का मौका मिलेगा। प्रभु श्रीराम की जन्मस्थली में मिला सम्मान, स्नेह और अपनत्व को कभी नहीं भूल पाऊंगी। – राजेश्वरी पंवार
प्रभु श्रीराम के घर पर उनके छोटे भाई लक्ष्मण की भूमिका निभाते हुए धन्य हो गईं हूं। रामलीला में मुझे अंगद का अभिनय करने का मौका भी मिला, जिसे अयोध्यावासियों ने खूब सराहा। – बीरा फरस्वाण
बोलीं महिलाएं
अयोध्या धाम में रामलीला में रावण का किरदार निभाना मेेरे जीवन के सबसे अच्छे कर्मों में से एक है। साथ ही यह हमारी 14 वीं रामलीला थी, जिसका आयोजन अयोध्या में हुआ है, जो किसी किसी पूण्य से कम नहीं है। यहां आकर वही अनुभूति हो रही है, जिस समय त्रेयता युग में रामराज रहा होगा। – मुन्नी पडियार
रामलीला में मैने पहले दिन से लेकर आखिर तक शिव जी, मारीच, सुमंत और राजतिलक में भरत की भूमिका निभाई। मैं, इसे लेकर आनंद की अनुभूति कर रही है। यह मेरे जीवन का सबसे अविस्मरणीय है। साथ ही रामलीला में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से मिली सराहना ने हमारा हौंसला और भी बढ़ा दिया था। -बबीता पंवार
प्रतिदिन 20 से 25 हजार लोगों ने देखा सोशल मीडिया पर लाइव
रुद्रप्रयाग। देवभूमि उत्तराखंड की मातृशक्ति के द्वारा अयोध्यया में रामलीला को सोशल मीडिया पर रुद्रप्रयाग जिलेवासियों ने पहले दिन से सोशल मीडिया पर लाइव देवा। पहले दिन दस्तक परिवार ने सोशल मीडिया पर लाइव रामलीला दिखाई, जिसे 18 हजार दर्शकों ने देखा। इसके बाद केदारखंड एक्सप्रेस ने भी लाइव रामलीला दिखाई। पूरे 11 दिन प्रतिदिन 18 से 25 हजार दर्शक रामलीला से सीधे जुड़ रहे थे।
14 रामलीला हो गईं पूरी
रुद्रप्रयाग। वर्ष 2018 में महिला पतंजिल ने सबसे पहले अगस्त्यमुनि से महिला रामलीला की शुरूआत की। इसके बाद 2019 श्रीनगर-श्रीकोट, नागनाथ पोखरी व कर्णप्रयाग, 2020 में कोटद्वार, 2021 में चौरास-श्रीनगर गढ़वाल, चौखुटिया, दुर्गाधार-रुद्रप्रयाग, 2022 में पीपलकोटी, गौचर, गोपेश्वर, बौराड़ी-नई टिहरी और 2023 जनवरी में गढ़वाल भवन नई दिल्ली और 2 से 12 जनवरी 2024 तक अयोध्या में रामलीला का मंचन किया है।
इनका कहना है –
अयोध्या में श्रीराम मंदिर के समीप ही रामलीला का सफल मंचन मेरे जीवन का सबसे बड़ा कर्म है। मां नंदा महिला रामलीला मांगल योग समिति के बैनर तले इस अनुष्ठान में हमारी मातृशक्ति ने अपने अभिनय से उत्तराखंड का जो मान बढ़ाया है, उससे मैं धन्य हो गई हूं। रामलीला में मुझे सबरी की भूमिका निभाने का भी मौका मिला, जो मेरे लिए कभी न भुलने वाला पल था। इस भव्य आयोजन में विश्व हिंदू परिषद का बहुत सहयोग मिला। – लक्ष्मी शाह, राज्य सह प्रभारी महिला पतंजलि समिति, उत्तराखंड
अयोध्या में देवभूमि की बहिनें रामलीला का सफल मंचन का हिस्सा होना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। मेरी बहिनों ने अपने अभिनय से रामनगरी में जो छाप छोड़ी है, उससे समूचे उत्तरारखंड का मान-सम्मान बढ़ गया है। इस पुनीत कार्य में विश्व हिंदू परिषद ने कदम से कदम मिलाकर सहयोग किया है। – प्रताप सिंह लूथरा, विहिप कर्णप्रयाग जिलाध्यक्ष
महिला रामलीला देख अभिभूत हुए यूपी के सीएम
अयोध्या में पिछले बारह दिनों से चल रही उत्तराखंड की महिला रामलीला का दिव्य मंचन हुआ। मंचन के नौंवे दिन की रामलीला का उद्घाटन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था। उन्होंने इस रामलीला से अभिभूत होकर अगले वर्ष दीपोत्सव पर होने वाली अंतरराष्ट्रीय रामलीला में भारत की ओर से उत्तराखंड की महिला रामलीला के मंचन का न्योता आयोजकों को दिया। कहा कि इस रामलीला में सभी पात्र मातृशक्ति निभा रही हैं जो अद्भुत है।
मातृशक्ति के प्रयासों से रामलीला का दिव्य मंचन
अयोध्या शोध संस्थान के संस्कृति विभाग भवन में गत दो जनवरी से पतंजलि परिवार से जुड़ी मां नंदा महिला मांगल योग समिति की ओर से रामलीला का मंचन किया जा रहा था। मंचन के लिए गढ़-कुमाऊं से 500 से अधिक महिलाएं अयोध्या पहुंचीं हैं। शुक्रवार शाम को वनवास से लौटे भगवान राम को छोटे भाई भरत की ओर से राजगद्दी सौंपे जाने और श्रीराम के राजतिलक का मंचन किया गया। इस दौरान भगवान राम और रामभक्त सबरी के भजनों से अयोध्या नगरी भक्तिमय बनी रही। पतंजलि योग पीठ की राज्य सह प्रभारी लक्ष्मी शाह ने कहा कि सभी मातृशक्ति के प्रयासों से रामलीला का दिव्य मंचन हुआ।