देशभर में प्रसिद्ध उज्जैन के कालभैरव मंदिर में इन दिनों विचित्र स्थिति बनी हुई है। भगवान कालभैरव को मदिरा का भोग लगाया जाता है। आम दिनों में श्रद्धालु मदिरा खरीद भगवान को अर्पित करते हैं। मगर कोरोना संक्रमण को देखते हुए फिलहाल प्रशासन ने इस पर रोक लगा रखी है। दूसरी ओर मंदिर के बाहर आबकारी विभाग के काउंटर पर मदिरा बेचने की छूट जारी है। बाहर से आने वाले दर्शनार्थी मदिरा खरीदकर मंदिर में प्रवेश करते हैं। बाद में पता चलता है मदिरा का भोग लगाने पर प्रतिबंध है। इससे दर्शनार्थी ठगा रहे हैं। दुकान पर मदिरा वापस भी नहीं हो रही, इससे विवाद भी हो रहे हैं।
बाहर से आने वाले दर्शनार्थी रोज हो रहे परेशान
कोरोना संक्रमण को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने भगवान कालभैरव को मदिरा प्रसाद चढ़ाने पर प्रतिबंध लगा रखा है। मगर दर्शनार्थी मदिरा बिकती देख बड़ी आस्था और श्रद्घा से इसे खरीद लेते हैं। मंदिर में प्रवेश करने के बाद उन्हें मदिरा चढ़ाने पर रोक दिया जाता है। इस कारण दर्शनार्थी भी प्रबंधन के अधिकारी और कर्मचारियों पर नाराजगी जताते हैं। कई श्रद्घालु वापस करने काउंटर पर जाते हैं, लेकिन विक्रेता इसे वापस लेने से मना कर देते हैं। इससे मंदिर प्रशासन की छवि श्रद्घालुओं में खराब हो रही, लेकिन प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी इस मामले में अब तक कोई स्पष्ट निर्णय ही नहीं ले पा रहे।
सूचना बोर्ड लगाए, मगर नजर नहीं जाती
प्रशासन द्वारा मंदिर परिसर में कुछ स्थानों पर सूचना बोर्ड लगाकर नए नियमों के बारे में बताया गया है। मगर श्रद्धालुओं का कहना है कि इसे कुछ और स्थानों पर लगाया जाना चाहिए। बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की नजर इस पर नहीं जाती।
जल्द करेंगे फैसला
उज्जैन के एसडीएम राकेश मोहन त्रिपाठी ने कहा कि कालभैरव मंदिर में मदिरा चढ़ाने पर अभी प्रतिबंध है। मंदिर के बाहर मदिरा बेचने के मामले में जल्द कोई फैसला लेकर स्थिति साफ करेंगे।