उइगर बुद्धिजीवी इल्हाम तोहती (Ilham Tohti) की बेटी ने बुधवार को पिता को मिले यूरोप के शीर्ष मानवाधिकार पुरस्कार का सम्मान ग्रहण किया। सम्मान ग्रहण करने के बाद बेटी ने भावुक हो कहा, ‘उन्हें यह भी नहीं पता कि वह (पिता) अभी भी जीवित हैं या नहीं।’ यूरोपीय संसद (European Parliament) के अध्यक्ष डेविड-मारिया सासोली (David-Maria Sassoli) ने तोहती को मिले सखारोव सम्मान (Sakharov Prize) को उनकी बेटी जिउहर (Jewher Ilham) के हाथों में सौंपा।
बेटी जीउहर इल्हाम ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि यूरोपीय संसद द्वारा दिए गए सखारोव पुरस्कार से उनके पिता की मदद हो सकेगी जिन्हें 2014 में आजीवन कारावास की सजा मिली थी। पूर्वी फ्रांस के स्ट्रॉसबर्ग स्थित यूरोपीय संसद में आयोजित सखारोव सम्मान समारोह में बेटी जीउहर इल्हाम के हाथों में पिता की तस्वीर थी। यूरोपीय संघ का यह शीर्ष मानवाधिकार सम्मान अर्थशास्त्री इल्हाम तोहती को चीन के अल्पसंख्यक उइगर समुदाय को बचाने के लिए किए गए कामों व उन्हें जेल से रिहा करवाने के लिए बीजिंग से किए गए अनुरोध के लिए दिया गया।
यह सम्मान यूरोपीय संघ का सबसे बड़ा पुरस्कार है। 49 वर्षीय इल्हाम तोहती वर्ष 2014 से चीन के जेल में बंद हैं। दरअसल , चीन उन्हें आतंकी मानता है लेकिन यूरोपीय संसद की ओर से तोहती को संयम और सुलह की आवाज कहा गया था।
यह कैद की सजा उन्हें चीन के उत्तर-पश्चिम स्थित शिनजियांग प्रांत में मुस्लिमों के अधिकारों की वकालत करने के लिए दी गई थी। बता दें कि चेकोलोवास्किया के पूर्व राष्ट्रपति और मशहूर लेखक वैक्लेव हवल के नाम पर यह सम्मान दिया जाता है। संभावना जताई जा रही है कि चीन की ओर से इसपर आपत्ति जताई जा सकती है।