आरोप है कि लड़की द्वारा हिजाब नहीं पहनने पर महिला पुलिसकर्मियों ने मेट्रो में उसकी पिटाई की, जिससे उसके सिर और गर्दन में गंभीर चोट आई है। हालांकि ईरान की सरकार ने इससे इनकार किया है लेकिन ईरान में सोशल मीडिया पर यह घटना चर्चा का विषय बनी हुई है।
ईरान में हिजाब नहीं पहनने पर नैतिक पुलिस की पिटाई में जान गंवाने वाली महसा अमिनी और उसके बाद हुए देशव्यापी विरोध प्रदर्शन से लग रहा है कि ईरान ने कोई सबक नहीं सीखा है। दरअसल ईरान में फिर से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें आरोप है कि ईरान की नैतिक पुलिस की पिटाई से एक 16 साल की लड़की कोमा में है और जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है। आरोप है कि लड़की द्वारा हिजाब नहीं पहनने पर महिला पुलिसकर्मियों ने मेट्रो में उसकी पिटाई की, जिससे उसके सिर और गर्दन में गंभीर चोट आई है। हालांकि ईरान की सरकार ने इससे इनकार किया है लेकिन ईरान में सोशल मीडिया पर यह घटना चर्चा का विषय बनी हुई है।
कुर्दिश संगठन का आरोप- नैतिक पुलिस ने पीटा
पीड़िता की पहचान अर्मिता गारावंद के रूप में हुई है। कुर्दिश संगठन हेंगाव ने आरोप लगाया है कि ईरान के नैतिक पुलिस बल की महिलाकर्मियों ने अर्मिता की मेट्रो ट्रेन में हिजाब नहीं पहनने के चलते पिटाई की। अर्मिता राजधानी तेहरान की निवासी है लेकिन मूल रूप से पश्चिमी ईरान के कुर्द बहुल इलाके केरमानशाह से उसका ताल्लुक है। बता दें कि करीब एक साल पहले ईरान में महसा अमिनी नामक एक युवती की भी वहां की नैतिक पुलिस ने हिजाब नहीं पहनने के आरोप में बुरी तरह पिटाई की थी, जिसमें महसा की मौत हो गई थी। महसा की मौत के बाद ईरान में देशव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे, जिसमें सैंकड़ों लोग मारे गए और हजारों को गिरफ्तार किया गया। पूरी दुनिया से ईरान के लोगों को समर्थन मिला था।
महसा अमिनी जैसी घटना
अब महसा अमिनी की मौत के एक साल बाद फिर से एक और लड़की की नैतिक पुलिस की पिटाई में बुरी तरह घायल होने से ईरान की सरकार चौकन्ना है। हालांकि ईरानी सरकार ने लड़की के पुलिस द्वारा पिटाई से घायल होने से इनकार किया है और कहा है कि पीड़िता मेट्रो में ब्लड प्रेशर कम होने की वजह से बेहोश हुई। हालांकि सोशल मीडिया पर पीड़िता की मौत की खबरें तेजी से वायरल हो रही है और तनाव का माहौल बन गया है।